नागदा (निप्र)– महावीर भवन में महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने धर्मसभा में शनिवार का विश्लेषण करते हुए कहा कि शनि, सूर्य का पुत्र है। सूर्य का काम है तपना और तपाना एवं शनि तत्काल फल प्रदाता है। बुरे कर्मो को करने वालो को तत्काल दण्ड देन शुभ कार्यो वालो की तत्काल प्रत्येक कठिनाइयों के समय निराकरण करना है। शनि हमारे शरीर में भी मान, माया, लोभ, राग, द्वेष रूपी शरीर में विद्यमान है। इसके निकालना होगा तब ही शनि आपका सुख प्रदाता बन सकता है। शनि के प्रकोप से साढ़े साती से बचना है तो हमें जीनवाणी को अपना होगा। लेकिन कर्मो के दोष का फल तो भोगना ही पडेगा।
जन्म जयंती एवं दिक्षा जयंति पर धार्मिक आयोजन-
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि महावीर भवन में आज 6 नवम्बर रविवार को जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा. की 145वीं जन्म जयंति एवं ज्योतिषाचार्य श्री कस्तुरचन्दजी म.सा. की 117वीं दीक्षा जयन्ति के शुभ अवसर पर 101 गुरूभक्तो द्वारा 3 सामायिक के साथ सामुहिक एकासना श्री दीवाकर संगठन समिति द्वारा आयोजन किया गया है।
चातुर्मास पूर्ण होने के पूर्व विदाई एवं क्षमापना समारोह आज-
मीडिया प्रभारी ने बताया कि महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ठाणा 6 के चार माह का वर्षावास चातुर्मास पूर्ण होने के पूर्व सम्पूर्ण समाज समाज द्वारा महासति मण्डल से सामुहिक क्षमापना के साथ ही चातुर्मास काल में होने वाली समस्त धार्मिक गतिविधियों जैसे नवाणु यात्रा, शिशु दर्शन, कपल दर्शन, परिवार दर्शन आदि को भी पुरूस्कृत किया जायेगा । सभी धार्मिक आयोजन में अधिकतम संख्या में पधारने की अपील श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने की।
उपरोक्त जानकारी मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने दी है। बिदाई समारोह 6 नवम्बर रविवार को जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन में रखा गया है।
दिनांक 05/11/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला