तरिकेरे (कर्नाटक): प.पू.आचार्य सम्राट श्री आनंदऋषिजी म.सा एवं कर्नाटक गजकेसरी घोरतपस्वी गणेशलालजी म.सा इनकी 109 दीक्षाजयंती, जैन दिवाकर चौथमलजी म.सा इनका 72 वां पुण्यस्मृति दिवस बड़े ही सुंदर ढंग से तरीकेरे में मनाया गया। उपस्थिति भद्रावती महिला संघ परम पूज्य नवदीक्षित श्री धैर्यश्रीजी ने गुरु के बारे मे महत्व बताया अगर गुरु ना होते तो जल मरता संसार,आज हम पर इन महापुरुषों के अनंत अनंत उपकार है और गुरु के बारे में कृतिका पेश की।
कर्नाटक तप चंद्रिका आगमश्रीजी म.सा इन्होंने अपने विचार व्यक्त किए चौथमलजी म.सा प्रसिद्ध वक्ता जहां भी पहुंचे थे वहां पर मंगल ही मंगल हो जाता, उनका जीवन बड़ा ही सुंदर था गुरुदेव गणेशलालजी म.सा जिन्होंने अपने जीवन में तब करके सूरज के समान चमके आचार्य भगवान स्वाध्याय प्रेमी समता साधने अपना सारा जीवन जमानत के लिए समर्पित किया!
इन महापुरुषों के श्रमण संघ पर अनंत अनंत एक चांद बनकर चमके तो दूसरे चमके दिवाकरजी महाराज साहब का तो कहना ही क्या आज हम उन्हीं के छत्रछाया के तले अपना जीवन यापन कर रहे हैं ! उनके चरणों में हम श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं उनके ही समान हमारा जीवन बने यही हम मंगल कामना करते हैं साथ ही साथ संतोष सो मां व त वंदना जी जैन तीनों ने गीतिका प्रस्तुत की महासती जी आगे भद्रावती की ओर विहार करेंगे|
यहां समाचार जैन युवा कॉन्फ्रेंस के राज्य उपाध्यक्ष चेतन भलगट अरसीकेरे वालो ने दिया।