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सुख जगत में कोई नहीं

सुख जगत में कोई नहीं

*🌧️विंशत्यधिकं शतम्*

*📚📚📚श्रुतप्रसादम्🌧️*

🌧️

5️⃣2️⃣

🪷

जो साधक

समर्पण भाव से

जिनेश्वर की

शरण में रहता है,

जिनाज्ञा के आधीन रहता हैं,

जगत की कोई दीनता,

उदासी उसको छू नही सकती.!

मोक्ष

न मिले तब तक

प्रभु शरण से उत्कृष्ट

सुख जगत में कोई नहीं.!

प्रभु

स्मरण से

भावित

सन्मति हो तो

नरक भी सद् गति है.!

कोई भी क्रिया

जिनाज्ञा अनुसार हो

तो ही हितकारी बनती हैं.!

जिनाज्ञा से,

विपरित किया हुआ

लाखो करोड़ों का दान

महिनों के उपवास भी

कल्याणकारी

नही बन सकते.!

🟡

जिनाज्ञा की

आराधना से मोक्ष

विराधना से संसार हैं.!

*📗श्री वीतराग स्तोत्र📗*

🌷

*तत्त्वचिंतन:*

*मार्गस्थ कृपानिधि*

*सूरि जयन्तसेन चरण रज*

मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*

श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ

@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर

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