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सुखी दाम्पत्य जीवन की आधारशिला है प्रेम समर्पण: मुनि रमेश कुमार

सुखी दाम्पत्य जीवन की आधारशिला है प्रेम समर्पण:   मुनि रमेश कुमार

दाप्पत्य जीवन सशक्तिकरण कार्यशाला 

जैन श्वेतांबर तेरापंथी ट्रिप्लीकेन के तत्वाधान में *”दाम्पत्य जीवन सशक्तीकरण कार्यशाला”* का आयोजन मुनि रमेश कुमार के सानिध्य में आयोजित हुई । जिसमें मोटिवेटर पिंटु नंगावत, Head of Learning & Development at INSOFE ने प्रशिक्षण दिया ।
दाम्पत्य जीवन पर अपने विचार करते हुए कहा – प्रेम और समर्पण दाम्पत्य जीवन की आधारशिला है । सुखी और आनंदमय जीवन जीने के लिए अति आवश्यक है , पहले स्वयं दूसरों के अनुकूल बनना सीखें । दोनों एक दूसरे को समझे पति अपने स्वभाव को कुछ बदले । कुछ पत्नी अपने स्वभाव को बदलें । साथी के दोषों को क्षमा करना सीखें । 
अपनी भूलों के लिए क्षमा मांगना । सदा मधुर भाषी होना चाहिए । जिससे सहनशीलता, क्षमा, आदि गुण प्रकट होते हैं । मुनि रमेश कुमार ने दाम्पत्य  की परिभाषा बताते हुए कहा – दाम्पत्य का अर्थ है पति-पत्नी का प्रेममय संबंध । जहां पुरुष में अनेक प्रकृति से गुण प्राप्त है उनका समुचित जीवन में प्रयोग करना । स्त्री मैं भी जो नैसर्गिक गुण है उन्हें विकसित करें तो दाम्पत्य जीवन में आने वाली दरारों को समाप्त किया जा सकता है ।
बेंगलुरु से समागत मोटिवेट पिंटु नंगावत ने कहा – सभी कपल्स को सुखी चाहिए, मन की शांति चाहिए सुख और समृद्धि चाहिए । दाम्पत्य जीवन बेहत्तर कैसे बने ? उदाहरण के तौर पर स्मार्ट फोन के एप्लीकेशन हम सदा अपडेट करते हैं वैसे ही जीवन के सॉफ्टवेयर को भी अपग्रेट करें । तभी आपके जीवन में खुशी और आनंद से जी पाएंगे ।
मुनि सुबोध कुमार ने कहा – सुख-दुख को बांटने वाला एक साथी होता है । जो सदा सहयोग देता है । उसे दाम्पत्य कहते हैं । जब सगाई होती है तब खुशी होती है । शादी के अटूट रिश्ते जब एक दूसरे को समझने के कारण समस्याएं आती है । दाम्पत्य  जीवन की कड़वाहट दूर करने के लिए – वह क्या चाहता है, क्या सोचता है ? प्रतिदिन या सप्ताह का आकलन करें ।
 
पिंटु नंगावत – मेरे लिए समस्या है – जीवन में हमें चाहिए क्या ? एक प्रश्न उठता है  हेल्पीनेश चाहिए मन की शांति, कर्म्फट सुख समृद्धि  फैमेली कहां से लाए जाए बेस्ट कैसे में अपर्थिक, शारीरिक, मानसिक प्रॉब्लम होने से दोष दे ?  सॉफ्टवेयर अपडेट करते हैं वैसे ही जिंदगी को तरासना है तो जीवन के सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहे । 
इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार के महामंत्रोच्चारण से कार्यशाला का प्रारंभ हुआ। सारिका बोहरा , प्रियंका बोहरा ने भिक्षु अष्टकम् से मंगलाचरण किया । मैनेजिंग ट्रस्टी गौतम जी सेठिया ने समाज की ओर से स्वागत किया । इस कार्यशाला में बीस दम्पति कपल्स ने भाग लिया । मुनि सुबोध कुमार जी की इस कार्यशाला के आयोजना में विशेष प्रेरणा रही । 
दुसरे चरण में कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए पिंटु नगावत Head of Learning & Development at INSOFE दाम्पत्य जीवन दो मानवों का मिलन नहीं दो मनोवृतियों का मिलन है । एक दूसरे को समल के सहजता से चलने में दाम्पत्य जीवन सफल हो सकता है ।
दाम्पत्य जीवन में ऐसी कई घटनाएं धटित हो सकती है सहज भाव से अंहकार के बिना एकता स्वरुप संभावना पारिवारिक मूल्यों विचार विमर्श,  के साथ समाधान खोजना चाहिए । वह समाधान दाम्पत्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा जागृत कर सकता है ओर जीवन को परिपूर्ण बना सकता है । 
           संप्रसारक 
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन चैन्नई

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