*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*युग प्रभावक कृपाप्राप्त*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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सिद्ध
प्रभु की पहचान
अरिहंत प्रभु कराते है
इसलिए उनको प्रथम वंदन.!
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तप करना श्रेष्ठ हैं..
तप करने की
शक्ति नही है तो
कमसेकम
तप करनेवाले की
निंदा अन्तराय मत करो.!
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कैसे होता कर्मबन्ध
कैसे होती कर्म निर्जरा
इसका विज्ञान समझना ही
सिद्धत्व की प्राप्ति का मार्ग हैं.!
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धर्म का
प्राथमिक
ध्येय समकित
अंतिम ध्येय निर्वाण..!
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जहां से हमें
कोई निकाल न सके
वही हमारा अपना स्थान है,
सिद्धशिला के अतिरिक्त
विश्व में ऐसा कोई स्थान नहीं है.!
*(श्री ओलीजी पर्व प्रवचन-3)*
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*