चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा आज सिद्ध पंचमी है और अध्यात्म की वृद्धि के लिए इस पंचमी को मनाई जाती है। ज्ञान में वृद्धि करने के लिए यह पंचमी होती है। अगर सही से इसके मतलब को जान लिया जाए तो ज्ञान में अपने आप ही वृद्धि हो सकती है। लेकिन उसके लिए स्थिर मन से इसका अध्ययन करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज के दिन सुधर्मास्वामी ने अपने शिष्यों को प्रथम वाचन प्रदान की थी इस लिए इसे सूत्र पंचमी भी कहा जाता है। इस दिन गुरु अपने शिष्यों को ज्ञान देते हैं। शिष्यों के समक्ष गुरु अपने ज्ञान का भंडार खोल देते हैं। जो शिष्य उस ज्ञान को अपनाते हैं उनका मन शांत गति में चला जाता है। जो नहीं अपनाते हैं उनका मन स्थिर नहीं हो पाता है।
उन्होंने कहा कि भगवान के कर्म की वाचना सुनना बहुत ही महान होता है। ऐसे मौके आने पर कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। इसमे पहले समय की शुद्ध परंपरा के बारे में विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि हर जगह पर शिक्षा नहीं लिया जा सकता है। गुरु से शिक्षा लेने के लिए मन शांत होने के साथ जगह भी शांत होना चाहिए।
जब शांत माहौल होगा तो मन मे ज्ञान की बाते प्रवेश करेंगी। ऐसा कर जीवन को आगे बढ़ाया जा सकता है। माहौल शांत रहा तो भटकता मन भी नियंत्रण में आ सकता है। हर पल एक मौके जैसा समझ कर उसका लाभ ले लेना चाहिए। कौन सा पल किसको कहा पहुचा दे किसी को नहीं पता है।
आज 03.11.2019 को कर्नाटक गजकेसरी घोर तपस्वी 1008 प.पू. गुरुदेव श्री गणेशलालजी म•सा• का 140 वां जन्म जयंती एवं महासती श्री सुमित्राजी म•सा• के सर्वत्तोभद्र तप की पुणेहूती व 75वां जन्मदिवस पर एवंं महासती डॉ.श्री सुप्रियाजी म•सा• के 50 वें जन्मदिवस के उपलक्ष में जैन भवन वडपलनी में जयंती मनाई जाएगी।
बाहर बाजार से बेंगलुरु के संघ, बोलारम हैदराबाद के संघ, जालना से, पंजाब से, कन्याकुमारी से, और अनेक महानगरों के गुरु भक्त पधार रहे इस अवसर पर। संकट मोचन आनुपूर्वी कलर्स के बोली आज छोड़ी जाएगी। संचालन अध्यक्ष बुधराज भंडारी ने किए।