Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

सिंह पुरुष थे आचार्य भिक्षु: मुनि रमेश कुमार

सिंह पुरुष थे आचार्य भिक्षु: मुनि रमेश कुमार

217 वाॅ भिक्षु चरमहोत्स का आयोजन

आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन द्वारा 217 वाॅ आचार्य भिक्षु चरमहोत्स का आयोजन हुआ । 
हृदय की अनन्त अनन्त आस्था की अभिव्यक्ति देते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा – आचार्य भिक्षु आलौकिक एवं दिव्य संत थे। सदा संतता का जीवन ज़िया । आत्म कल्याण के  मार्ग पर सदा आगे से आगे बढे। जैन धर्म में उन्होंने एक नई क्रांति की जिसे तेरापंथ के नाम से पहचान मिली। नया पंथ या सम्प्रदाय चलाना उनका लक्ष्य नहीं था। उनका एक मात्र लक्ष्य था अपनी आत्मा का उत्थान करना।
संघर्ष के तूफान,  विरोध की आंधी से वे घबराये नहीं । सत्य , न्याय के पथ पर आगे बढते रहे । इस दृष्टि से हम कह सकते है आचार्य भिक्षु सिंह पुरुष थे । सिंह की तरह पराक्रमी उनका जीवन रहा है । आत्म निष्ठा,  आगम निष्ठा और आज्ञा निष्ठा से उन्होंने नये धर्म संघ की स्थापना की । आज के दिन राजस्थान के सिरीयारी कस्बे में सिंह वृत्ति से संलेखना-  संथारा के साथ उस दिव्य आत्मा ने महाप्रयाण किया । 
मुनि सुबोध कुमार जी ने श्रद्धाशिक्त भावना व्यक्त करते हुए कहा – आचार्य भिक्षु ने एक ऐसे सम्प्रदाय सूत्रपात किया जो तेरापंथ के नाम से विख्यात है।उनकी संयम  साधना  में जितने भी अवरोध आये , संघर्ष आये उन्हें सत्य और संयम के मार्ग से विचलित नहीं कर सके। आज भी उनके चरण चिन्ह अमिट है। 
इससे पूर्व मुनि रमेश कुमार जी के महामंत्रोच्चारण से कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ । ट्रिप्लीकेन ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने मंगलाचरण किया । मधुर गायक मदनलाल जी मरलेचा , संगीता बरडिया ने मधुर स्वरों से गीत पेश किये। 
संप्रसारक 
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar