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साम्प्रदायिक सौहार्द वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता : मुनि मोहजीत

साम्प्रदायिक सौहार्द वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता : मुनि मोहजीत

सभी धर्मो मे सकारात्मकता ही सौहार्द हैं – मुनि मोहजीत कुमार 

अणुव्रत उद्‌बोधन सप्ताह के अंतर्गत स्थानीय न्यु तेरापंथ भवन में आज साम्प्रदायिक सौहार्द दिवस मनाया गया । मुनि श्री मोहजीतकुमारजी ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी धर्मो मे सकारात्मकता ही असली सौहार्द है। आचार्य तुलसी के शब्दो मे कहते हुए फरमाया कि वर्ण जाती और सम्प्रदाय से ऊपर मानव धर्म है। अणुव्रत में मानवीय मुल्यो की प्रतिष्ठा की गई है। जिसमे इंसान पहले इंसान फिर हिन्दु या मुसलमान बताया गया हैं। हम सभी धर्मगुरु एक ही बात कहते है कि धरती एक है मकान का स्वरूप अलग अलग है। विचारों का सामजस्य ही धर्म है सबके प्रति मैत्री करुणा का भाव सदैव बना रहे। यही सौहार्द है। साम्प्रदायिक सौहार्द वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।

मुनि श्री जयेशकुमार जी ने कहा कि महान व्यक्ति चुनोतियों से घबराता नही है। अनेकता में एकता में विश्वास करना ही सौहार्द है। हम यदि दूसरे संप्रदायों में अच्छाई को ढूढें तो सौहार्द का वातावरण स्वतः निर्मित हो जायेगा। इस अवसर पर मौलाना पीरबक्श साहब ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर धर्म की धार्मिक किताब है। जगत मे प्राणी मात्र को अपना हक मिलना चाहिये यही आदर्श ही असली सौहार्द है।

ब्रह्मकुमारी संस्थान से उमादीदी ने आज के विषय पर कहा कि जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि , जैसा भाव वैसा काम और जैसी सोच वैसा ही फल मिलता है। अध्यात्म प्रत्येक व्यक्ति को मान्य है मगर उसके अनुरूप कार्य करना भी आवश्यक है। हमारी आत्मा का पिता एक है सिर्फ विचारों की भिन्नता है। उसे एक करने का प्रयास करना चाइये।

कार्यक्रम मे अणुव्रत गीत का संगान किया गया । पधारे हुए धर्मगुरु एवं अन्य विशिष्ट जनो का स्वागत अध्यक्ष जवेरीलाल सालेचा द्वारा किया गया।

समिती उपाध्यक्षा कमला देवी ओस्तवाल ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन संयोजक नवीन सालेचा ने किया । अणुव्रत समिति द्वारा धर्मगुरुओं का साहित्य और फोल्डर द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम में तेरापंथ सभा, युवक परिषद महिला मण्डल और अणुव्रत समिति के सभी पदाधिकारी एव सदस्यों के साथ वृहद संख्या में श्रावक समाज उपस्थित हुआ ।

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