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सामायिक संवर और शोधन की प्रक्रिया है. मुनि मोहजीत

सामायिक संवर और शोधन की प्रक्रिया है. मुनि मोहजीत

अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में तेरापंथ युवक परिषद बालोतरा ने जैनों के प्रमुख पर्व पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन अभिनव सामायिक का आयोजन किया। न्यू तेरापंथ भवन के अमृत सभागार में मुनि मोहजीत कुमार ने सामायिक शब्द का प्रतिपादन करते हुए कहा कि सामायिक संवर और शोधन की प्रक्रिया है। इस अवधि में क्रियात्मक पाप रूकता है और कृत पापों का शोधन होता है।

सामायिक की साधना समता के भावों से जुड़ी हुई है। इसमें पापकारी बाहरी प्रवृतियों से मुक्ति होती है। जैन धर्म मे सामायिक का विशेष महत्व माना जाता है। सामायिक को समता की साधना और आत्मा को निर्मल करने का महत्वपूर्ण उपक्रम बताया गया है।सामायिक में व्यक्ति 48 मिनट के लिए सारे सांसारिक कार्यो का त्याग करके आध्यात्म साधना में लीन हो जाता है। इस अवसर पर मुनि मर्यादा पत्र का वाचन किया। मुनि भव्य कुमार ने उत्तराध्ययन सूत्र का आंशिक पठन किया और अभिनव सामयिक का प्रयोग कराया । श्रमण भगवान महावीर की अध्यात्म यात्रा के अन्तर्गत पूर्व के कई भवों का वर्णन मुनि मोहजीत कुमार ने सस्वर संगान से किया। मुनि जयेश कुमार ने सामायिक गीत का वाचन किया|

         रात्रिकालीन उपक्रम में तेरापंथ महिला मण्डल के निर्देशन में स्वरों का संधान’ सीनियर वर्ग कार्यक्रम में 38 प्रतिभागियों ने भाग लेकर अपने स्वरों से वातावरण को अध्यात्ममय बनाया। इस कार्यक्रम का सफल संचालन गायिका सेफाली चौपड़ा ने किया।

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