चेन्नई. राष्ट्र संत दादा गुरुदेव भंडारी पद्म चन्द्र एवं युवाचार्य प्रवर महेन्द्र ऋषि का पावन जन्मोत्सव श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पंकज मुनि की निश्रा में, ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि की सद्प्रेरणा से 5 अक्तूबर, विजय दशमी के दिन भव्य सामायिक दिवस एवं गुणगान सभा के रूप में जैन भवन, साहुकारपेट के प्रांगण में मनाया जाएगा।
श्रीजैन संघ के अध्यक्ष सम्पत राज सिंघवी एवं ‘जन्मोत्सव कार्यक्रम के चेयरमैन निर्मल मरलेचा ने बताया कि इस अवसर पर श्रीसंघ की ओर से व समस्त गुरुभक्तों की ओर से 6500 लोगों के लिए विशाल अन्न प्रसादम का आयोजन भी किया जाएगा। श्री संघ के मंत्री शांति लाल लुंकड व उपाध्यक्ष सुरेश कोठारी ने बताया कि डॉ. वरुण मुनि अपने प्रवचनों के माध्यम से दोनों महापुरुषों के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालेंगे। इस दिन जो भी 5 से 15 वर्ष के बच्चे सामायिक की आराधना पूर्ण वेशभूषा में करेंगे उन्हें श्रीसंघ की ओर से सम्मानित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गुरु भगवंतों के पावन सान्निध्य में जिन शासन अधिष्ठायक देव-देवियों द्वारा त्रिलोक पूज्य चौबीस तीर्थंकर भगवंतों की विशेष साधना भी गतिमान है। इस अनुष्ठान में भाई बहनें बड़ी ही श्रद्धा से प्रतिदिन नौ दिनों तक भाग लेकर अपने जीवन में पुण्य व सौभाग्य की अभिवृद्धि कर रहे हैं।
रुपेश मुनि ने कहा कि आयंबिल ओली जी जैन परंपरा के शाश्वत पर्व हैं। इन दिनों में गुरु भगवंत श्रीपाल – मैना सुंदरी चरित्र का रोचक वर्णन अपने प्रवचनों के माध्यम से प्रस्तुत कर रहे हैं। लोकेश मुनि ने बताया कि चातुर्मास प्रारंभ से ही नवकार महामंत्र का जाप घर-घर में प्रतिदिन 5 घंटे का गतिमान है। नवकार महामंत्र की आराधना से ग्रह दोष, पितृ दोष, वास्तु आदि सर्व प्रकार के दोषों का निवारण होता है।