चेन्नई. कोडम्बाक्कम वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा भगवान की वाणी समझ आये या ना आये उसे श्रद्धा से सुनना चाहिए। शास्त्र वाणी जीवन के गलत कर्मो को समाप्त करने वाले होते हैं। ऐसा करने से मनुष्य के जन्मों के गलत कर्म समाप्त हो जाएंगे।
जो रोग मनुष्य की आत्मा के साथ अनादिकाल से लगे हुए है वो रोग भी शास्त्र वाणी सुनने मात्र से समाप्त हो जाएंगे लेकिन ऐसा तभी संभव होगा जब मनुष्य श्रद्धा और भक्ति के साथ इनका श्रवण करे। समभाव की साधना सामायिक होती है।
यदि मनुष्य सामायिक करे तो जीवन की डूबती नैया पार हो सकती है। सामायिक को समभाव की साधना कहा जाता है। सामायिक के अंदर मोक्ष के दरवाजे खोलने की ताकत होती है।
ठीक उसी प्रकार से सामायिक का काम होता है। अगर इसे करने के बाद भरोसा रखा जाय तो मोक्ष के मार्ग खुल सकते है। भगवान महावीर कहते हैं जो समभाव से सामायिक करता है उसकी आत्मा सेफ होती है।
जिस प्रकार से बून्द बून्द से घड़ा भर जाता है वैसे ही सामायिक से जीवन का कल्याण हो जाता है। सामायिक कर जो जाग जाएगा वो महान बन जायेगा जो सोता रहेगा वह खोता रहेगा। जीवन में आगे जाना है तो उठो और सामायिक कर जीवन में प्रकाश कर लो।