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ज्ञान वाणी

सामायिक कर जीवन को धन्य बनाने का करे प्रयास

सामायिक कर जीवन को धन्य बनाने का करे प्रयास

चेन्नई. चातुर्मास का अवसर मिला है तो सामायिक कर जीवन को धन्य बनाने का प्रयास करना चाहिए। बड़े जब सामायिक के लिए आगे आते हैं तो छोड़े भी उनका अनुसरण करते है। भिक्षु दया करने के लिए कभी पीछे नहीं जाना चाहिए। ऐसा मौका जीवन में बहुत ही कम लोगों को मिलता है। जब भी मिले तो दिल खोल कर धर्म कार्य में आगे होना चाहिए।

साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने रविवार को कहा अपने ज्ञान और दर्शन द्वारा तीनों लोक को आलोकित करने वाले महावीर स्वामी ने जगत के प्रत्येक जीवों के दुखों को जानकर सुखी बनने का मार्ग बतलाया है। इस मार्ग पर चल कर प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का कल्याण कर सकता है। आत्मा का परम सौभाग्य होने पर देव गुरु का सानिध्य प्राप्त होता है।

भाग्यशाली आत्मा गुरु देव के चरणों में पहुंच कर आत्मा को गुणों से सजाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा देव गुरु का समागम मनुष्य को गुणों के अनुरूप बनने की प्रेरणा देता है। उनके सद्गुणों को चुनकर अपने जीवन व्यवहार में लाने का प्रयास करना चाहिए। परमात्मा का सानिध्य पाकर बहुत सारे पाप और अत्याचार करने वाली आत्माओं ने भी खुद का उद्धार किया।

ऐसे उत्तम अवसर को पाकर संसार के कार्यो से समय निकाल कर जीवन को धर्म से जोड़ कर आत्मा की निर्जरा करनी चाहिए। उन्होंने कहा अपने जीवन में गुरुवों के वचनों को झेलने का कार्य करने वालों का जीवन परम पावन बन जाता है। धार्मिक प्रवर्तियों से पीछे नहीं हटना चाहिए। उन्होंने कहा कि

सागरमुनि ने कहा पाप से पतन होता है और जब तक मनुष्य के अंदर राघ द्वेष की भावना रहेगी तब तक पाप होता रहेगा। ऐसे में मनुष्य सिर्फ आचरण के जरीए ही अपनी डूबती हुई आत्मा को बचा सकता है। मनुष्य को जेल से महल की ओर बढऩे का प्रयास करते रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गरम लोहे को व्यक्ति जैसे मन वैसे ढाल सकता है। उसी प्रकार से इस मौके का लाभ उठा कर मनुष्य अपनी आत्मा को भी अच्छे मार्गो पर लगा सकता है। सिर पर भार लेने वाला व्यक्ति कभी भी उपर नहीं जा सकता है। उपर जाने के लिए पापों के भार को कम करना होता है। इस अवसर पर पुरुषों ने सामूहिक दया भिक्षा के तहत घर-घर जाकर गोसरी पानी लेकर आहार ग्रहण किया।

पुरुषों ने एक दिन के लिए साधु जीवन व्यतित किया। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष आनंमल छल्लाणी के अलावा उपाध्यक्ष निर्मल मरलेचा, नरेन्द्र कोठारी, सहमंत्री पंकज कोठारी और कोषाध्यक्ष गौतमचंद दुगड़ सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया। पिह राष्ट्रीय संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई, जिसमें सैकड़ो की संख्या में लोग उपस्थित हुए। पिह संघ के चेयरमेन स्वरूपचंद कोठारी हैदराबाद, अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार वेदासनी बेंगलोर, पिह जैन ग्राम के अध्यक्ष महावीरचंद कोठारी, पिह कबूतर शाला के अध्यक्ष नथमल दुगड़, मंत्री ज्ञानचंद कोठारी, कोषाध्यक्ष अनिल श्रीश्रीमाल, पिह गौशाला के संयोजक ठाकुर महादेव सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे। इस अवसर पर पिह ग्राम के अंदर विनयमुनि दीक्षा स्वर्ण जयंति के उपलक्ष में जैन संघ की ओर से गुरु कमल कन्हैय्याा विनय-गौतम गौ माता संरक्षण केंद्र बनाने की घोषणा की गई।

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