चेन्नई. आचार्य वर्धमानसागर सूरी के सान्निध्य में वेपेरी जैन संघ में वर्षावास का सुन्दर आयोजन चल रहा है। हजारों की संख्या में लोग धर्म प्रवृत्तियों का लाभ ले रहे हैं। सोमवार को आचार्य विमलसागर सूरी ने कहा कि हर व्यक्ति को अपनी सामथ्र्य का सही उपयोग करना चाहिए।
सामथ्र्य सबको नसीब नहीं होता। अधिकांश लोग असमर्थ, असक्षम और दुर्बल होते हैं। समर्थ व्यक्ति अपनी शक्तियों का ऐसे लोगों के लिए उपयोग कर जीवन को अमर बना सकता है। ज्ञान मनुष्य के सामथ्र्य का सदुपयोग करवाता है।
अज्ञान मिली हुई शक्तियों को परपीड़ा या शोषण में लगा देता है। इसलिए सिर्फ सामथ्र्य प्राप्त करना ही काफी नहीं है मर्यादित रहना भी आवश्यक है।
आज संसार में ऐसे लोग अधिक हैं जो सामथ्र्य को बर्बाद कर रहे हैं। इससे मानवता कलंकित हो रही है। वे अभिनंदन के पात्र हैं जो मिली हुई शक्तियों को गलत राह पर खर्च नहीं करते।