Sagevaani.com /माधावरम्, चेन्नई: युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी श्री डॉ गवेषणाश्रीजी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट माधावरम् के तत्वावधान में रविवार को ‘दंपती कार्यशाला- दाल भात साथ-साथ’ का आयोजन हुआ।
साध्वी डॉ गवेषणाश्रीजी ने कहा कि जीवन का हमसफर तो हर कोई ढूंढ लेता है। लेकिन हमसफर के साथ जीवन किस प्रकार जीना हैं, ये बहुत जरूरी है। छोटी-छोटी बातों में जीवन साथी के साथ उलझन से नहीं, सकारात्मक सोच से जीयें। हम अपने मधुर व्यवहार और आदतों से इस सामाजिक पवित्र रिश्तें में उन्नत ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। बर्तन को छाबड़ी से रखते या निकालते समय आवाज आ सकती है लेकिन पड़े रहने पर शांत रहते है। इसी तरह दाम्पत्य जीवन में भी कुछ समय के लिए बोलचाल हो सकती है, लेकिन बाद में शांत, प्रशांत हो कर दूसरों के लिए प्रेरणास्पद बने। दाम्पत्य जीवन समझदारी, सामजस्य, समझोते, समता, सहिष्णुता के गुणों से भरपूर बने। सोने की तरह पुराना होने पर भी उपयोगी रहता है, टूटने पर भी उसकी वेल्यू में कोई फरक नहीं पड़ता, उसी तरह हम भी स्वयं अपने लिए, परिवार, समाज, राष्ट्रीय के लिए उपयोगी बने। एकदूसरे को समझने की कोशिश करें, छोटी-मोटी गलतियों को लेट गो करना सीखें तथा एक दूसरे के प्रति विश्वास पैदा करें।
साध्वी श्री मयंकप्रभाजी ने कहा कि दम्पती जीवन की राह में एक आग है, तो दूसरा शीतल जल हो जाये। एक अंगारा है, तो दूसरा बर्फ बन जाये तो जीवन गाड़ी का यह पथ व्यवधानों से बच सकता है। यह रिश्ता कांच के शीशे की तरह अति नाजुक है। इसीलिए जीवन मंदिर को सजाने के लिए एकदूसरे के गुणानुवाद और गुणों का अन्वेषण करें। साध्वी दक्षप्रभा ने सुमधुर गितिका प्रस्तुत की।
श्रीमती रश्मि सुराणा ने अपने आभामण्डल को पोजिटिव ऐनर्जी से भरने के प्रेक्टिकल प्रयोग करवायें।
श्री राकेश खटेड एवं श्री राजेश खटेड ने दम्पतियों को आध्यात्मिक गेम्स खेलायें। धन्यवाद ज्ञापन श्री सुरेश रांका ने दिया। प्रबंधन्यासी घीसूलालजी बोहरा के साथ अनेकों कार्यकर्ताओं ने इस कार्यशाला की सफलता में अपने श्रम का नियोजन किया। अणुव्रत समिति ने आगामी अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के बैनर का अनावरण किया। तेयुप ने नेत्रदान के लिए लोगों को प्रेरित कर फार्म भरवायें।
समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार मंत्री
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट, चेन्नई