कोलकाता. महातपस्वी आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी स्वर्णरेखा के सान्निध्य में पर्युषण पर्व बड़े ही उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया गया। गंगा के किनारे बसे कोलकाता महानगर में जप, तप, साधना की गंगा तीव्र गति से प्रवाहित रही इसलिए पर्युषण काल के दौरान एक मासखमण, चार पखवाड़े, लगभग साठ अठाईयों एवं नौ, एक सौ पचास तेला के सुन्दर उपक्रम के साथ लगभग दो हजार भाई-बहनों ने अखण्ड जाप में अपनी आहूति दी।
हजारों-हजारों श्रावक-श्राविकाओं का रेला इस मेले में देखा गया। साध्वीश्री ने पर्युषण पर्व में सम्मिलित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महान पर्व पर्युषण जब-जब आता है आबाल से लेकर वृद्ध तक एक नया उत्साह जागता है। यह उत्साह खाना खाने का नहीं, छोडऩे का होता है। सोने का नहींं, जागने का होता है। वासना का नहीं, उपासना का होता है।
उपासना के क्रम में गुरु इंगितानुसार सामायिक, खाद्य संयम, मौन, स्वाध्याय, ध्यान आदि के द्वारा हम आत्महित का ज्ञान, बुरे विचारों का संवरण करने की कोशिश करते हैं। आत्म-संशोधन, आत्मोद्वार की कामना हर साधक करता है तथा संकल्पशक्ति, इच्छाशक्ति, मन की शक्ति को विकसित करने के लिए आत्म-मंथन से अपनी बुराइयों की कटिंग-छटिंग भी करता है।
जैन धर्म का यह महान पर्व पेनफूल से पीसफूल बनाता हैं, वन्डरफूल बनाता है, आर्टफूल बनाकर भीतर की उष्णता हटा कूल कर देता हैं। साध्वी स्वस्तिका, साध्वा सुधांशुप्रभा, साध्वी गौतमयशा ने विभिन्न विषयों की प्रस्तुति वक्तव्य, गीत आदि के माध्यम से मोहकता के साथ दी। आठ दिनों में समय-समय पर प्रियंका डाकलिया, उपमा डाकलिया, निधि गोयल, संगीता चौरिडय़ा, दीक्षा दुगड़, पूजा कोठारी, अनुपमा नाहटा, श्रुति दुधोडिय़ा ने संक्षिप्त वक्तव्य दिया।
सम्पूर्ण कोलकाता की महिला मंडल की बहनों ने गीत की प्रस्तुति दी। संवत्सरी के अध्यात्ममय कार्यक्रम में साउथ कोलकाता महिला मंडल, तेरापंथ युवक परिषद् साउथ कोलकाता, तथा साउथ हावड़ा अर्हम् मंडल ने अपने सुन्दर कार्यक्रम प्रस्तुत किए। साध्वीश्री स्वर्णरेखा ने जितने भी तपस्वी दर्शनार्थ आए उनकी तप-अनुमोदना स्व-रचित गीतों के साथ की।
अबाधित, अनुपमरूप से अष्ट दिवसीय कार्यक्रम कार्यकर्ताओं की जागरूकता से भारी भीड़ में भी व्यवस्थित एवं शांति के साथ चले। अष्ट दिवसीय कार्यक्रमों में साउथ सभा अध्यक्ष विजय चोरडिय़ा एवं उनकी टीम ने पूरी जागरूकता से व्यवस्थाओं का संचालन किया।
क्षमा के महनीय दिवस पर विकास परिषद् के सम्माननीय सदस्य बनेचंद मालू, तेयुप साउथ कोलकाता के अध्यक्ष अरविंद डागा, साउथ कोलकाता महिला मंडल की अध्यक्ष संगीता सेखानी, टी.पी.एफ साउथ कोलकाता के अध्यक्ष जयचंदलाल मालू, कल्याण परिषद् के संयोजक एवं महासभा के महामंत्री विनोद बैद, अमृतवाणी के अध्यक्ष प्रकाश बैद, जय तुलसी फाउंडेशन के प्रबन्ध न्यासी तुलसी कुमार दुगड़, साउथ सभा के निवर्तमान अध्यक्ष भंवरलाल बैद, मुख्या न्यासी सुरेन्द्र कुमार दूगड़, अध्यक्ष विजय चोरडिय़ा, कोलकाता सभा के अध्यक्ष बुधमल लुणिया आदि ने अपने विचार रखे एवं क्षमायाचना की।
श्रावक-श्राविकाओं को सामूहिक रूप से खमतखामणा महासभा के पंच मंडल सदस्य सुरेश चंद गोयल ने करवाया। संचालन के क्रम में सभा के सह-मंत्री कमल कोचर एवं शैलेन्द्र बोरड़, संदीप सेठिया, अजय कोचर ने कुशलता के साथ किया।