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साध्वी सुधाकंवर का 67 वां जन्म दिवस एवं तप महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया

साध्वी सुधाकंवर का 67 वां जन्म दिवस एवं तप महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया

कोडमबाक्कम वड़पलनी श्री जैन संघ के प्रांगण में आज1)शेरे राजस्थान प.पू श्री रूप मुनि म,सा की स्मृति दिवस, 2)प.पू. श्री सुधाकंवर म,सा के 67वें जन्म दिन , एवं 3)अशोक तालेडा (सुपुत्र स्व: श्री मीठालाल तालेडा) के 33 उपवास के पच्चक्खाण के साथ स्थानीय श्रावक श्राविकाओं ने और सगे संबंधियों ने बडे धूमधाम से दान शील तप की आराधना एवं सर्वश्रेष्ठ जीवदया आराधना के साथ मनाया!

साध्वी सुधाकंवरज ने रूप मुनि महाराज साहब के अलौकिक जीवन और जीव दया के प्रति उनके समर्पण पर प्रकाश डाला!उन्होंने फरमाया, तपस्या के क्षेत्र में अशोक तालेडा ने उनके 67वें जनम दिन पर 33 उपवास की तपस्या के तोहफा देकर जैन जगत, साध्वी मंडल एवं जैन संघ का गौरव बढ़ाया है!तपस्या खार को खीर बना देती है और करोड़ों पापों से हमारे आत्मा को मुक्त कर देती है!
आज धर्म सभा में अशोक तालेड़ा के 33 की तपस्या के उपलक्ष में उनके छोटे भाई गौतम तालेड़ा ने 51 एकासणा की घोषणा कर दी आज उनका 21वां एकासना था!

दीप चंद लुणिया(पप्पू जी) ने आज साध्वी सुधा कंवर के 67 वे जन्म दिन पर 67 गायों को कतलखनो से छुड़ाने का और तालेडा परिवार ने 33 गायों को छुड़ाने का और 50 बोरी अनाज का और 500 कबूतर छुड़ाने की घोषणा कर दी!ललिता बाई झांगडा ने आज 18 अजैन लोगों के तेला के तप के प्रत्याख्यान करवाये!साध्वी प्रखर वक्ता श्री विजयप्रभा ने फरमाया कि अपने माता-पिता के अनुपम संस्कार से सुधाकंवर ने 15 साल की उम्र में संयम अंगीकार किया! गुरुवर्या आगम के अच्छे ज्ञाता है, अच्छे कवि भी हैं और अच्छे वक्ता भी हैं! उन्होंने बहुत सारे ग्रंथ भी लिखे हैं!

साध्वी सुयशाश्री ने प्रवचन में फ़रमाया जैसे फूल और खुशबू को देख कर उसकी जड़ का और बड़ी इमारत को देखकर उसकी नींव का पता चलता है उसी प्रकार किसी के जीवन को देखकर उसके संस्कार और संस्कृति का पता चलता है!जब शिष्य अपने आप को गुरु जी के चरणों में समर्पित कर देता है तो गुरु शिष्य की आत्मा एक हो जाती है! परमात्मा भी खुद आकर आशीष लूटाता है,जैन दर्शन का आधार दान शील तप और भावना है! जैसे मक्खन को घी बनाने के लिए गैस पर पात्र की जरूरत होती है वैसे ही आत्मा को परमात्मा तक ले जाने के लिए शरीर की और तपस्या की जरूरत होती है!हमारी जिंदगी में विश्वास की आवश्यकता बहुत अहम है! शक की प्रवृत्ति हमारे लिए बहुत दुखदाई होती है!शांति से रहने के चक्कर में हम बहुत सारी अशांति इकट्ठे कर लेते हैं!

आज की धर्म सभा में अशोक तालेडा 33 उपवास, श्रीमती सुशीला बाफना ने 25 उपवास, एवं मनीषा लुंकड ने 20 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किये!आज की धर्म सभा में मुख्य अतिथियों के रूप में (पप्पूजी) दीप चंद लूणिया, रिटायर्ड ips सांगाराम जांगिड, मीठालाल पगारिया, सुदर्शन छल्लाणी एवं, बिजयनगर से मीठू नाहर, देवराज खाब्या, कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय मंत्री दिनेश भलगट,नाथद्वारा से अम्बालाल लोढ़ा एवं चेन्नई के उप नगरों से श्रद्धालु जन उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन अध्यक्ष बुधराज भंडारी ने किया,संघ के मंत्री देवीचंद बरलोटा ने सभी तपस्या की सुख साता की मनोकामना की और तालेड़ा परिवार की ओर से गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया।

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