दुर्ग संथारा साधिका नव दीक्षित साध्वी श्री चंद्रयशा जी म.सा का आज प्रातः 10:00 बजे ऋषभ नगर दुर्ग में देवलोक गमन हो गया। उनकी बैकुंठी यात्रा में जैन समाज के हजारों श्रावक श्राविका उन्हें अंतिम विदाई देने बैकुंठी यात्रा में सम्मिलित रहे।
ऋषभ नगर दुर्ग से निकली बैकुंठी यात्रा हरना बांधा मुक्तिधाम में उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
आज प्रातः 7:30 बजे जैन संत श्री गौरव मुनि ने छत्तीसगढ़ प्रवर्तक लोकमान्य संत श्री रतन मुनि जी की प्रेरणा से श्रीमती चंदा संचेती को जैन विधि विधान एवं जैन सूत्रों के पठन कर साध्वी दीक्षा प्रदान की और उन्हें संथारा का पचखाण दिलाया दिलाया गया।
आज ऋषभ कॉलोनी स्थित नवकार भवन के पास साध्वी चंद्रयशा जी के दर्शन वंदन करने के लिए दिन भर तांता लगा रहा। नवकार महामंत्र का जाप अनुष्ठान भी दोपहर 3:00 बजे तक लगातार चलता रहा।
दोपहर 3:00 बजे जैन समाज के श्रावक श्रविकाओ की उपस्थिति में ऋषभ नगर दुर्ग से बैकुंठी यात्रा निकाली गई बैकुंठी यात्रा में ओसवाल पंचायत दुर्ग के आह्वान पर जैन समाज की व्यापारिक प्रतिष्ठान इस अवसर पर बंद रही।
बैकुंठी यात्रा में ओसवाल पंचायत के अध्यक्ष गौतम बोथरा, ताराचंद कांकरिया, गौतम सांखला, पारसमल संचेती, मदन जैन, कचर मल बाफना, निर्मल बाफना, महेंद्र दुग्गड, प्रकाश गोलछा, टीकम छाजेड़ सहित जैन समाज के विभिन्न संघों एवं संस्था प्रमुख विशेष रुप से इस यात्रा में उपस्थित थे।
5 दिसंबर को प्रातः 9:00 बजे जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में संत शुक्ल मुनि एवं गौरव मुनि के सानिध्य में गुणानुवाद सभा आयोजित की गई है। जैन समाज के सभी वर्ग संप्रदाय से इस गुणानुवाद सभा में उपस्थिति का निवेदन श्रमण संघ परिवार ने किया है।