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साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने सिर्फ राज नहीं, दिलों पर राज किया – साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञा

साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा ने सिर्फ राज नहीं, दिलों पर राज किया – साध्वी श्री डॉ मंगलप्रज्ञा

चैन्नई, माधावरम् 19.03.2022 – आचार्य महाश्रमण जैन तेरापंथ पब्लिक स्कूल के विशाल प्रांगण में, तेरापंथ सभा चैन्नई के तत्वावधान में असाधारण साध्वी प्रमुखा कनकप्रभाजी की स्मृति सभा का आयोजन साध्वी डॉ मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में हुआ।

साध्वीश्री डॉ मंगलप्रज्ञाजी ने श्रद्धासिक्त उद्गार में कहा आचारनिष्ठा, संवेदनशीलता और बौद्धिकता जैसे विशिष्ट गुणों की पराकाष्ठा शासन माता के जीवन में थी। सैकड़ों ऐसे उदाहरण हैं जब उनकी वात्सल्य भरी आंखों ने जन-मानस की पीड़ा का हरण किया। आप जैन संघ के इतिहास में प्रथम स्थान प्राप्त बौद्धिकता सम्पन्न साध्वी थी। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने विभिन्न सम-सामयिक विषयों पर लेखन किया। अपने इर्द-गिर्द रहने वालें मनों को अध्यात्मशक्ति से आप्लावित करते रहे। तेरापंथ धर्मसंघ की हम साध्वियों को अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। कहा जा सकता है कि ऐसी प्रबुद्ध समयज्ञ साध्वी प्रमुखा को मात्र हमने पाया ही नहीं, जीया भी है।

साध्वीप्रमुखा मात्र व्यक्ति नहीं प्रवर विचारक थी। उनका यशः शरीर शताब्दियों तक जन-जन को प्रेरणा देता रहेगा। वे सम्पूर्ण साध्वी समाज की रक्षाकवच थी। उनका यो प्रयाण करना कठिन लग रहा है, पर सच्चाई को समझते हुए उनके द्वारा प्रदत्त मार्ग  दर्शन का निरन्तर अनुभव करते रहेंगे।

साध्वी श्री ने आगे कहा कि साध्वीप्रमुखाश्रीजी का व्यक्तित्व विरल था। उन्होंने राज ही नहीं, दिलों पर राज किया। आचार्यश्री तुलसी, आचार्य श्री महाप्रज्ञजी और आचार्य श्री महाश्रमणजी की अनन्त कृपादृष्टि और विश्वास प्राप्त किया। साध्वी प्रमुखाश्रीजी विशिष्ट सौभाग्यशाली रही, जिन्होंने गुरु श्री के सान्निध्य में अंतिम सांस ली। उनका समर्पण, विनय, वात्सल्य, अनुशासन, कार्यकौशल सब बेजोड़ था। अपनी जिन्दगी का सुहाना सफर तय किया और ताउम्र अपनी तेजस्वी दिव्य किरणें फैलाती रहीं। उनके चरणों में जीए पल, सदैव नई प्रेरणा प्रदान करते रहेंगे।

कार्यक्रम का मंगलाचरण जय तुलसी संगीत मंडल ने किया। साध्वी सिद्धियशाजी ने कहा- वे समाधि प्रदायिनी वासल्य विभूति थी। साध्वी चैतन्यप्रभाजी ने कहा- उनके गुणों की सुवास हमारे जीवन को सुवासित करती रहेगी। इस अवसर पर जैन महासंघ पूर्वाध्यक्ष श्री पन्नालाल सिंघवी, जैन महिला मोर्चा अध्यक्षा श्रीमती कमला मेहता, प्रोफेसर एवं साहित्यकार बालूलाल आछा, साहित्यकार एवं लेखक दिलीप धींग, तण्डियारपेट ट्रस्ट बोर्ड मुख्यन्यासी इन्दरचंद डूंगरवाल, टी.पी.एफ चेन्नई अध्यक्ष राकेश खटेड एवं टी.पी.एफ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमलेश नाहर, महिला मंडल मंत्री रीमा सिंघवी, तेयुप अध्यक्ष मुकेश नवलखा, तेरापंथ सभा  अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, जैन विश्वभारती प्रधानन्यासी अमरचन्द लूंकड़, अभातेयुप राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमेश डागा, साहूकारपेट तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के मुख्यन्यासी विमल चिप्पड़, माधावरम् तेरापंथ ट्रस्ट बोर्ड के मुख्यन्यासी घीसूलाल बोहरा, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आंचलिया, पल्लावरम से दिलीप भंसाली, ट्रिप्लीकेन से श्री गौतमचन्द जे सेठिया, जैन महासंघ अध्यक्ष राजकुमार जैन ने शासन माता के प्रति अपने उद्गार व्यक्त किए। साध्वीवृन्द ने भावपूर्व गीत का सामूहिक संगान किया। महिला मंडल, कन्यामंडल एवं युवक परिषद् ने गीतों के माध्यम से भाव सुमन समर्पित किए। गायक श्री राकेश मांडोत ने अपने मधुर संगान से परिषद् को भाव विभोर कर दिया।

टी.पी.एफ अध्यक्ष राकेश खटेड ने डोक्यूमेन्ट्री के द्वारा जीवन झांकी प्रस्तुत की। श्रीमती मालाजी कातरेला ने विभिन्न विशिष्ट महानुभावों के प्राप्त संदेशों का वाचन किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड एवं साध्वी डॉ राजुलप्रभाजी ने और आभार ज्ञापन सहमंत्री दिलीप मुणोथ ने किया। लोगस्स ध्यान एवं मंगलपाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

            स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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