महान तपस्वी साध्वी पूनमश्री जी की सिद्धि आराधना 3 अगस्त को होगी पूर्ण होगी। 44 दिन में 36 दिन निराहार रहेंगी साध्वी जी। उनकी अनुमोदना 61 भाई-बहन करेंगे एक दिन से पांच दिन का उपवास।
Sagevaani.com @शिवपुरी। शिवपुरी में चातुर्मास कर रहीं प्रसिद्ध जैन साध्वी रमणीक कुंवर जी महाराज की सुशिष्या साध्वी पूनमश्री जी के सिद्धि तप की आराधना 3 अगस्त को पूर्ण होने जा रही है। उनकी कठोर तपस्या की अनुमोदना में श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ के 61 भाई-बहन की नवकार महामंत्र तप आराधना 30 जुलाई से शुरू होने जा रही है। साध्वी पूनमश्री जी और श्रावक श्राविकाओं की तप आराधना से शिवपुरी जैन समाज में अपार उत्साह का वातावरण है और उनकी तपस्या की अनुमोदना करने के लिए देश के विभिन्न भागों से धर्मावलंबी 3 अगस्त को शिवपुरी पधार कर साध्वी पूनमश्री जी को गुणानुवाद सभा में शामिल होंगे।
श्वेताम्बर जैन श्रीसंघ के अध्यक्ष राजेश कोचेटा और तेजमल सांखला तथा चातुर्मास कमेटी के सचिव सुमत कोचेटा एवं पंकज गूगलिया द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार साध्वी रमणीक कुंवर जी और उनकी सुशिष्याओं ओजस्वी प्रवचन प्रभाविका साध्वी नूतन प्रभाश्री जी, महान तपस्वी और नेपाल प्रचारिका साध्वी पूनमश्री जी, मधुर गायिका साध्वी जयश्री जी और साध्वी वंदनाश्री जी के चातुर्मास के कारण शिवपुरी के जन-जन में अपार उत्साह है और शिवपुरी ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न भागों से धर्मावलंबी यहां पधार कर साध्वी जी के प्रवचनों का लाभ उठा रहे हैं। चातुर्मास के दौरान पोषद भवन और आराधना भवन में अनेक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। पूज्य गुरूवर सौभाग्यमल जी महाराज की 39वीं पुण्यतिथि पूर्ण उत्साह के साथ मनाई गई। साध्वी पूनमश्री जी का सिद्धि तप चल रहा है जिसकी पूर्णाहूति 3 अगस्त को होगी। उस दिन साध्वी पूनमश्री जी के सम्मान में गुणानुवाद सभा आयोजित की जाएगी। इसके पश्चात साधार्मिक वात्सल्य होगा और 4 अगस्त को तपस्वी भाई-बहनों का पारणा आयोजित किया गया है।
आसान नहीं है सिद्धि तप करना
जैन धर्म में तप की महिमा शास्त्रों में बताई गई है और तप को मोक्ष का द्वार बताया गया है। भगवान महावीर स्वामी ने छह माह तक निराहार रहकर कठोर तपस्या की थी। शिवपुरी में साध्वी पूनमश्री जी सिद्धि तप कर रही हैं। सिद्धि तप करना आसान नहीं है। सिद्धि तप में तपस्वी पहले एक दिन उपवास फिर आहार, तीसरे दिन दो उपवास फिर एक दिन आहार, तीन उपवास फिर आहार, चार उपवास फिर आहार। इस तरह से पांच, छह, सात और आठ उपवास किए जाते हैं। इस तरह से 44 दिन में 36 दिन के उपवास और 8 दिन आहार लिया जाता है। उपवास में सूर्योदय से सूर्यास्त तक सिर्फ गर्म पानी का सेवन किया जाता है। आत्मा के शुद्धिकरण के लिए जैनदर्शन में तप करना आवश्यक बताया गया है।
साध्वी पूनमश्री जी की तपस्या की अनुमोदना में तप
साध्वी पूनमश्री जी का सिद्धि तप 3 अगस्त को पूर्ण होगा, लेकिन उनके तप की अनुमोदना में 61 श्रावक और श्राविका तप करेंगे। तप करने का सिलसिला 30 जुलाई रविवार से शुरू होगा। 30 जुलाई से 5 श्रावक श्राविका 5-5 उपवास करेंगे। 31 जुलाई को 5 श्रावक श्राविका 4-4 उपवास करेंगे। 1 अगस्त को 5 श्रावक श्राविका 3-3 उपवास, 2 अगस्त को 5 श्रावक श्राविका 2-2 उपवास और 3 अगस्त को 5 श्रावक श्राविका 1-1 उपवास करेंगे। सभी उपवास की पूर्ण आहूति 3 अगस्त को होगी और पारणा 4 अगस्त को पदमचंद्र जी शैलेष कुमार कोचेटा परिवार की ओर से होगा।
ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले को साध्वी जी को पारणा कराने का मिलेगा लाभ
साध्वी पूनमश्री जी का सिद्धि तप 3 अगस्त को पूर्ण होगा और 4 अगस्त को वह पारणा (आहार) करेंगी। साध्वी जी को पारणा कराने का लाभ उन श्रावक श्राविकाओं को मिलेगा जो या तो आजीवन अथवा एक साल के ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करेंगे। इसके अलावा पयूर्षण में आठ उपवास करने वालों को भी साध्वी जी को पारणा कराने का लाभ मिलेगा।