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साध्वी पुण्याश्रीजी को तप चंद्रिका अलंकरण, ओढाई आदर की चादर

साध्वी पुण्याश्रीजी को तप चंद्रिका अलंकरण, ओढाई आदर की चादर
मैसूरु। यहां सिद्धार्थनगर में चातुर्मासार्थ विराजित श्रमणसंघीय महामन्त्री श्रीसौभाग्यमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी सुशिष्या साध्वीश्री विजयलताजी के सानिध्य में साध्वी पुण्याश्री के संयमी जीवन का प्रथम मास खमण {32} उपवास का अभिनंदन समारोह मनाया गया। इस अवसर पर साध्वीजी ने अपने प्रवचन में कहा कि तप मोक्ष का मार्ग है।
पूर्व संचित अशुभ कर्मों का क्षय करने के लिये तप ही श्रेष्ठ मार्ग है। साध्वीश्री प्रज्ञाश्री ने कहा कि रसना को वशकर, मन  को निर्मल बना कर छोटी उम्र में बड़ी तपस्या कर पुण्याश्रीजी ने बड़ा पुण्य अर्जित किया है। इस अवसर पर मुम्बई मेवाड़ संघ के महामन्त्री रोशन बडाला ने गुणगान करते हुए मेवाड़ संघ का गौरवशाली क्षण भी बताया साथ ही सौभाग्यमुनिजी संदेश वाचन किया।
बडाला ने अलंकरण की घोषणा करते हुए आदर की चादर समर्पित की। इस अवसर पर खमनोर राजस्थान मे विराजित सौभाग्यमुनिजी व प्रवर्तक मदनमुनिजी ने भी तपस्वी साध्वी को “तप चन्द्रिका” अलंकरण से सम्मानित किया। साध्वी जयश्रीजी व साध्वी प्रतिभाजी की तरफ़ से आदर की चादर समर्पित की गई।
इस अवसर पर साध्वी विजयलताजी की प्रेरणानुसार शिक्षा के क्षेत्र में अभावग्रस्त स्वजन बंधुओं के लिये  श्री अम्बेश शिक्षा सेवा फ़ंड बनाया गया जिसमें बहुत से उदारमना दान दाताओं ने सहयोग प्रदान किया। पर्युषण पर्व में स्थापित अखंड नवकार जाप कलश की बोली से प्राप्त राशि का उपयोग भी इसी शिक्षा योजना के लिये किया जायेगा।
इस अवसर पर साध्वीजी माता-पिता भाई व धर्म के माता-पिता का श्री संघ द्वारा सम्मान किया गया। अम्बेश गुरू सेवा समिति मैसूरु के मन्त्री भेरूलाल कोठारी ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर मुम्बई, बेंगलुरु, चैन्नई, मंड्या, हुणसुर, चामराजनगर, पाण्डवपुरा, बन्नुर, शिवमोगा, राजस्थान व अनेक उपनगरों से अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे। समारोह का संचालन मदनलाल पोरवार व बेंगलुरु के सुरेन्द्र आँचलिया ने किया।

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