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साधना का लक्ष्य है खोना ही खोना: मुनि अर्हत कुमार

साधना का लक्ष्य है खोना ही खोना: मुनि अर्हत कुमार

 

सन्यास जीवन जीने का उत्कृष्ट दर्शन हैं, स्वयं के द्वारा स्वयं का विमर्शण हैं, नवनीत के रूप में मुक्ति का वरण हैं और अंत में परमात्मा का प्रकटीकरण हैं ।आज की भौतिक युग की लहर में संसाधनों के चक्रव्यूह से अपने आप को बचाकर
रखना बहुत बड़ी बात हैं। तेरापंथ धर्मसंघ में एक गुरु का अनुशासन ,एक विधान, एक परंपरा में जीवन को सर्वात्मना समर्पित करना विलक्षण बात हैं।

इस युग में जहां हर मानव एन्जॉय और मौज मस्ती में लगा हुआ हैं वही मुमुक्षु सुनीता बोकड़िया और मुमुक्षु पूजा वडेरा जीवन को सफल बनाने के लिए इस दुरूह पथ की पथिक बनी हैं । भोग से योग की और बढ़ने वाला पहला कदम हैं संयम, राग से त्याग की और बढ़ने का नाम संयम है। संसार से नाता तोड़ ,मन को मोड़,प्रभु से तार जोड़ने गुरुचरणों में संयम स्वीकारने जा रही है। धीर वीर गंभीर बन विनय से विद्यार्जन
कर आत्म विकास करना हैं। गुरु दृष्टि की आराधना करना हैं और गुरुकृपा से आवृत को अनावृत करना ।जिस सिहवृति से संयम को स्वीकार कर रही हो उसी सिंह वृति से संयम को जीवन भर निभाना यही मंगलकामना है।

युवा संतमुनि भरत कुमार जी ने कहा – जो लेता है दीक्षा, उसकी होती है अध्यात्म की परीक्षा, आत्मा की होती है समीक्षा, मोक्ष की होती तितिक्षा, उसिको कहते है दीक्षा।


मुमुक्षु सुनिता व पूजा के प्रती मंगल कामना के साथ देवगुरु धर्म व मोक्ष की

बाल संत जयदीप कुमार जी ने संयम के ऊपर सुमधुर गीतिका का संगान किया और संयम की परीभाषा बताई । मुमुक्षु सुनीता ने कहा कि जब तक हम
संयम स्वीकार नही करेंगे तब तक हमारे जीवन का कल्याण नही होगा। संयम जीवन की अमूल्य निधि हैं
मुमुक्षु पूजा ने कहा संयम वह ज्योति हैं जिससे अन्तःस्थित अंधकार प्रकाश में परिवर्तित हो जाता है।

संयम जीवन का सच्चा श्रृंगार है। तेरापंथ सभा अध्यक्ष जयंतिलाल जी, तेमम अध्यक्षा नैना पारख, स्तानक वासी अध्य्क्ष नेमचंद जी, मंदिर मार्गी की ओर से भूरचंदजी श्री श्री माल, वरिष्ठ श्री नेनमल जी बालगोता, उपाशक नेनमलजी, ट्रस्ट अध्यक्ष ओमप्रकाश कोठारी, अशोक जीरावला अमृतलाल चोपड़ा,अलका। महिला मंडल ने गीतिका के द्वारा अपनी अभिव्यक्ति दी। परिवार की ओर से जैनम बोकड़िया , पुलकित बोकड़िया , संदीप बोकड़िया , संतोष बोकड़िया , प्रियंका , मैसूर से महावीर जी मनोहर जी देरासरिया ने अपने विचार व्यक्त किये।

महिला मंडल ने जम्बू कुमार की रोचक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में मुमुक्षु बहिनो का तिलक द्वारा कन्या मंडल ,माला एवं शाल महिला मंडल व अभिनंदन पत्र ते. सभा की और से भेंट किया गया कार्यक्रम का सुभारंभ महिला मंडल के मंगला चरण से हुआ। संचालन अभिनदंन बागरेचा ने किया। आभार ज्ञापन विकास संकलेचा ने किया।

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