श्री राजेन्द्र सुरीश्वरजी जैन ट्रस्ट चेन्नई के तत्वाधान में श्री राजेन्द्र जैन भवन के प्रांगण में आज सुबह तारीख 03/07/23 आषाढ़ सूद 15 (गुरु पूर्णिमा) के दिन श्री अभिधान राजेन्द्र कोष भाग 7 (गुरु पूर्णिमा) विश्वपूज्य प्रभु श्री राजेन्द्र सुरीश्वरजी महाराज साहब के प्रशिष्यरत्न राष्ट्रसंत युगप्रभावक श्री जयंतसेन सुरीश्वरजी महाराज साहेब के परम कृपाप्रात्र सुशिष्यरत्न श्रुतप्रभावक मुनिराज डॉक्टर श्री वैभवरत्न विजयजी महाराज साहेब आदि ठाणा 4 के शुभ सानिध्य में *साक्षात्कार वर्षावास चातुर्मास* में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ विश्ववन्दनीय प्रान्त स्मरणीय प्रभु श्री राजेन्द्र सुरीश्वरजी महाराज साहेब और पुण्य सम्राट युगप्रभावक जन-जन के आस्था के केंद्र श्री जयंतसेन सुरीश्वरजी महाराज साहेब का पांच औषधि से महाअभिषेक सुवर्ण, केसर, कस्तुरीका, सर्वोषधिका, पंचामृत से संगीतमय धुन के साथ बड़े ही हर्षोल्लास के साथ महाभव्य लाभार्थी परिवारों द्वारा अभिषेक हुए।
दादा गुरुदेव प्रभु श्री राजेन्द्र सुरीश्वरजी महाराज साहब ने 41 साल तक अखंड ज्ञान साधना से इस विषय को अनंत काल तक सुख शांति समाधि में रखने वाला अलोंकिक श्रीअभिधान राजेन्द्र कोष की रचना की।
श्री राजेन्द्रसूरीश्र्वरजी ने 8 अट्टाई की में *ॐ ह्लीं श्री अर्हम् नमः* का सवा सौ करोड़ का जाप किया था।
राष्ट्रसंत युग प्रभावक श्री जयंतसेन सुरीश्वरजी सद्गुरुदेव ने समग्र त्रिस्तुतिक संघ में एकता प्रेम स्नेहभाव गुरु भक्ति के लिए अद्भुत पराक्रम किया था। आज समग्र भारत में गुरु राजेन्द्रसूरीश्र्वरजी के 650 गुरु मंदिर है तो सिर्फ और सिर्फ श्री जयंतसेन सद्गुरुदेव की कृपा से है।
श्रुतप्रभावक मुनिराज श्री डॉक्टर वैभवरत्न विजयजी महाराज साहेब ने सभी संघों में *ॐ ह्लीं श्री अर्हम् नमः* की साधना और पूजन कराया और गुरुदेव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को स्थापित किया।
श्रुतप्रभावक मुनिराज श्री वैभवरत्न विजयजी महाराज साहेब ने समग्र जैन समाज श्री अभिधान राजेन्द्र कोष को सरलता से अध्ययन कर सकें इसके लिए संपूर्ण श्रीअभिधान राजेन्द्र कोष का अनुवादन कार्य प्रारंभ किया है।
यदि सद्गुरु के प्रति समर्पण और बहुमान है तो ही यह जीवन धन्य हैं गुरु भक्ति की महिमा बढ़ाये और गुरु तत्व के प्रति जो संपूर्ण समर्पण और बहूमान भाव से जो पूर्ण है वो साधक अल्प भव में ही मोक्ष जा सकता है।