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‘सम्यक श्रद्धा एवं आत्मशक्ति का जागरण करता है मुनिसुव्रतस्वामी का जाप’

‘सम्यक श्रद्धा एवं आत्मशक्ति का जागरण करता है मुनिसुव्रतस्वामी का जाप’

प्रत्येक गुरुवार को होने वाले अनुष्ठान में बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु 

बेंगलूरु। विश्वविख्यात अनुष्ठान आराधिका एवं शासनसिंहनी साध्वीश्री डाॅ.कुमुदलताजी की प्रेरणा से स्थानीय वीवीपुरम स्थित महावीर धर्मशाला में प्रति गुरुवार को विश्वकल्याण एवं प्राणीमात्र के कल्याण के लिए किए जा रहे विशेष अनुष्ठान का क्रम आज भी जारी रहा। स्वर साम्राज्ञी साध्वीश्री महाप्रज्ञाजी व सााध्वीश्री राजकीर्तिजी की निश्रा में मंगलमंत्र ‘ऊं ह्रीं श्रीं मुनिसुव्रतस्वामी नमः’ का सामूहिक जाप किया गया।
श्रद्धा और आस्था के साथ इस जापरुपी पुष्पों को अर्पण करने के लिए चातुर्मासिक पर्व के लिए महावीर धर्मशाला में बनाए गए गुरुकेवल दरबार में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए जगह ही कम पड़ती दिखी। साध्वीवृंद के साथ सस्वर करीब एक घंटे के इस सामूहिक जाप को लाखों की संख्या में जपा गया।
इस अवसर पर अपने संक्षिप्त संबोधन में महाप्रज्ञाजी ने कहा कि श्रद्धालु द्वारा बडे़ मनोयोग से इस मंगलमंत्र के जाप के करने से वह वास्तविक प्रभाव से रुबरु होता है। महाप्रज्ञाजी ने कहा कि व्यक्ति के घर-परिवार में प्रेम, शांति और शक्ति की स्थापना के लिए, आधि-व्याधि से बचाव एवं बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए भगवान मुनिसुव्रतस्वामीजी का अनुष्ठान बेहद लाभदायक बताया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक श्रद्धालु के जीवन के लिए महामंगलकारी यह जाप सम्यक श्रद्धा व आत्मशक्ति के जागरण का भी एक अद्भुत उपाय है। गुरु दिवाकर केवल कमला वर्षावास समिति के तत्वावधान में गुरुवार के अनुष्ठान आयोजन के लाभार्थी कालूराम अशोककुमार विमलकुमार रांका-जयनगर, धनवंतीबाई विमलचंद धारीवाल-चामराजपेट, अशोककुमार संजयकुमार रांका-मद्दूर, मंजूबाई गणपतराज बाफन-बसवनगुड़ी, चंद्राबाई देवराज चोपड़ा-शूले, निर्मलकुमार प्रकाशचंद जसवंतराज दुदेड़िया-एसआरनगर, सज्जनराज जंबूकुमार प्रणव बोहरा-हलसूर व डा.ललित जैन-चामराजपेट रहे।
इन सभी लाभार्थी परिवारों का समिति के पदाधिकारियों ने सम्मानित किया। समिति के सहमंत्री अशोक रांका ने इससे पूर्व चोकी, थाली एवं मंगलकलश की स्थापना तपस्वियों, लाभार्थी परिवार के सदस्यों व समिति के पदाधिकारियों के हस्तस्पर्श के विधान को साध्वीवृंद की निश्रा में पूर्ण किया गया। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार की तपस्या करने वाले श्रावक-श्राविकाओं को साध्वीवृंद द्वारा प्रत्याख्यान कराए गए।
रांका ने बताया कि ‘जय जिनेंद्र’ प्रतियोगिता की विजेता जंबूबाई छाजेड़ रहीं। धर्मसभा में अनेक शहरों सहित उपनगरों से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। रांका ने बताया कि शुक्र्रवार को मां पद्मावती एकासना का सामूहिक अनुष्ठान होगा। संचालन अशोककुमार गादिया ने किया।

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