आज शनिवार दि: 5 मार्च को श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ ट्रस्ट माधावरम, के परिसर में प्रातः कालीन प्रवचन में मुनि श्री अर्हत कुमार जी ने उद्बोधन दिया कि सम्यक्त्व ज्ञान के बिना बड़े से बड़ा आचरण भी सिद्ध नहीं हो सकता। सही ज्ञान के प्रकाश में हमें लौकिक और लोकोत्तर धर्म का अंतर समझना चाहिए और मिथ्यात्व के दोष से बचना चाहिए । जैन तत्वज्ञान एवं तेरापंथ दर्शन की जानकारी हर श्रावक को होनी चाहिए ।
मुनि श्री अर्हत कुमार जी ठाणा 3 आज प्रातः रेडहिल्स से विहार कर जैन तेरापंथ नगर, माधावरम के प्रांगण में पधारे जहां 2018 में परम पूज्य युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी का भव्य चातुर्मास हुआ था। मुनि प्रवर का स्वागत ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री घीसूलाल बोहरा ने किया। ट्रस्ट की गतिविधियों के बारे में कोषाध्यक्ष श्री गौतम समदड़िया ने जानकारी दी। उपस्थित सभा से डॉ कमलेश नाहर एवं श्री सुरेश रांका ने अपने विचार रखे।
जैन तेरापंथ नगर के प्रवासी एवं बाहर से आए श्रावक समाज से दोनों फ्लैट खचाखच भर गए और परिसर छोटा प्रतीत होने लगा। मुनि श्री ने प्रेरणा दी कि जहां गुरुदेव ने पावस प्रवास कर अध्यात्म की अलख जगाई है, वहां धर्माराधना की गतिविधियों को विस्तार रूप देने के लिए श्रावक समाज को आगे आना चाहिए।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई