चेन्नई. वेलेचेरी जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा गुरु भगवंतों के उत्तम जीवन से अच्छी शिक्षा लेकर जीवन बदलने का भाव रखना चाहिए। एक दूसरे को खुशी देते रहना चाहिए। जो तीर्र्थंकर परमात्मा के वचनों को भाव पूर्वक समझ कर जीवन में उतारता है उसका जीवन बदल जाता है।
परमात्मा की दिव्यवाणी को जीवन में स्थान देने वाले मनुष्य महान बन जाते हैं। खुद की आत्मा को सदगुणों से जोडऩे वाले सच्चे अर्थों में परमात्मा के उपासक कहलाते हैं। उन्होंने कहा महान व्यक्ति खुद को भक्ति में लगाने के साथ दूसरों को भी ऐसा करने का संदेश देता है। जो माता पिता के बताए रास्ते का अनुसरण करते हैं वे दूसरों के प्रति भी अच्छे ही होते हैं।
मित्र वही होता है जो पथ भ्रमित मित्र को सही मार्ग पर ले जाता है। जीवन में भलाई का काम करना चाहिए। कभी भी किसी का बुरा नहीं करना चाहिए। धार्मिक कार्य करते हुए मनुष्य को जीवन आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
सागरमुनि ने कहा परमात्मा ने अपनी दिव्यवाणी से उपदेश देकर मनुष्य पर अनंत उपकार किए हैं। उनके उपकारों को भूलने के बदले उन मार्गों का अनुसरण करने का प्रयास करना चाहिए। जीवन में आगे वही जाता है जो अपने से बड़ों का आदर करना जानता है।
सम्मान उसी मनुष्य को मिलता है जो दूसरों का सम्मान करता है। रविवार को बाजार रोड सैदापेट जैन स्थानक में भगवान पाश्र्वनाथ का जन्म कल्याणक दिवस एवं उपाध्याय प्रवर कन्हैयालाल का १८वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया जाएगा।