आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस
पट्टालम, चेन्नई :- तेरापंथ सभा चेन्नई के तत्वावधान में साध्वी श्री डॉ. मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में तेरापंथ जैन विद्यालय के प्रांगण में 263वॉ आचार्य भिक्षु अभिनिष्क्रमण दिवस मनाया गया।
साध्वी श्री डॉ. मंगलप्रज्ञाजी ने कहा आज का पावन प्रभात तेरापंथ के सूर्योदय का दिन है। सनातन परंपरा में भी जुड़ा आज का यह पावन दिन रामनवमी और शक्ति पूजा का प्रभात है। तेरापंथ धर्म संघ के प्रणेता भिक्षु एक तत्ववेता, प्रखर ज्ञान चेतना और उत्कृष्ट तप साधना संपन्न व्यक्तित्व थे। उन्होंने चढ़ती युवकत्व अवस्था में वैचारिक क्रांति का शंखनाद किया। प्रथम दिवस पर आई आंधी यह इशारा कर गई कि कितने ही अंधड़ या तुफान आ जाये, घबराये नहीं, क्योंकि कुछ समय बाद आकाश साफ होना ही है। भिक्षु भी अपने जीवन की हर कठिनाई में अड़िग रहे और आगे बढ़ते गये।
साध्वीश्रीजी ने जीवन को आनन्दमय बनाने के लिए भिक्षु के गुणों को आत्मसात कर, उनके जीवन चारित्र से प्रेरणा लेकर, घर-परिवार, समाज, देश में सहनशीलता का विकास करने की प्रेरणा दी। साध्वीश्री ने ठाणं सूत्र में वर्णित छह गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा आचार्य भिक्षु आगमवाणी के प्रति श्रद्धावान, धुन के पक्के, संकल्पवान, कष्टसहिष्णु, मेधा संपन्न, बहुश्रुत, पद प्रतिष्ठित, शरीरबल एवं मनोबलधारी, शक्तिशाली और कलह आदि में रस न लेने वाले, हर चुनौती का सामना करने वाले विरल आचार्य थे। उन्होंने प्रश्न नहीं उत्तर, समस्या नहीं अपितु समाधान दिये। आचार्य भिक्षु हमारी सांसो में बसे है।
मुख्य वक्ता, साहित्यकार बी एल आच्छा ने कहा आचार्य भिक्षु की यात्रा स्वर्ण जैसी थी। उनकी निर्णय क्षमता, ज्ञान और तर्कशक्ति अनुपम थी। वे अपने वैचारिक स्वतंत्रता के लिए सदैव जीवंत रहेंगे। आपने आचार्य भिक्षु और महात्मा गांधी की समानता बताते हुए कहा कि दोनों सत्य की निष्ठा के लिए सदैव गतिशील रहे।
साध्वी राजूलप्रभाजी ने कहा आचार्य भिक्षु अलौकिक तेजस्वी पुरुष थे। जिन्होंने शक्ति संपन्न संघ के रूप में तेरापंथ संघ दिया। इससे पूर्व श्री जतनजी पुगलियां ने मंगलाचरण किया। तेरापंथ सभाध्यक्ष प्यारेलालजी पितलिया, साहुकारपेट तेरापंथ ट्रस्ट के मुख्यन्यासी विमलजी चिप्पड़, महासभा आंचलिक प्रभारी ज्ञानचंदजी आंचलिया, तेयुप मंत्री संतोष सेठिया, तेरापंथ महिला मंडल मंत्री रीमा सिंघवी ने अपने श्रद्धासिक्त विचार व्यक्त किए। ज्ञानशाला पट्टालम ने आचार्य भिक्षु के जीवन से जुड़े प्रसंगों को मनमोहक प्रस्तुति दी। महिला मंडल ने अभ्यर्थना गीत प्रस्तुत किया। किशोर मंडल की ओर से जयेश डागा ने साध्वी मंगलप्रज्ञाजी द्वारा रचित गीत को स्वर दिया।
उपासक श्रेणी की ओर से पदमचन्दजी आंचलिया, धनराज मालू, स्वरुप चन्द दाँती ने आराध्य भिक्षु की अभ्यर्थना की। मुख्य वक्ता, साहित्यकार, लेखक श्री बी.एल. आच्छा का परिचय सभा के मंत्री गजेंद्र खांटेड ने दिया। तेरापंथ सभा के पदाधिकारियों द्वारा उनका सम्मान किया गया। साध्वी शौर्यप्रभाजी ने कार्यक्रम का कुशलता पूर्वक संचालन किया। तेरापंथ जैन विद्यालय ट्रस्ट की ओर से श्री गौतमजी समदड़िया ने आभार जताया। रात्रि कालीन ‘एक शाम भिक्षु के नाम’ भजन संध्या का आयोजन किया गया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई
SWAROOP CHAND DANTEE
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