चेन्नई. अयनावरम स्थित जैन दादावाड़ी में साध्वी कुमुदलता ने प्रवचन के दौरान कहा कि व्यक्ति को समय मात्र का भी प्रमाद नहीं करना चाहिए। समय को सार्थक करो। अच्छे कार्यों में लगाएं। व्यर्थ में समय नष्ट न करें। साध्वी ने कहा कि जिंदगी कभी धूप है तो कभी छांव हैं।
यदि हम हमारा समय समाजोत्थान के कार्य में लगाएंगे तो हमारा यह भव तो सुधरेगा ही हमारा आने वाला भव भी सुधरेगा। इसलिए जो समय मिला उसे सार्थक करें। ऐसे विरले ही होते हैं जो समय का सदुपयोग करते हुए जीवन को उंचाइयों पर ले जाते हैं।
गुरु जो ज्ञान देता हैं वही ज्ञान आपके जीवन में पथ प्रदर्शक होता है। गुरु के ज्ञान का कुछ प्रतिशत भी यदि ग्रहण किया तो जीवन में एक अद्भुत आनन्द की प्राप्ति होगी। जिस प्रकार विनय विनम्रता में गौतम स्वामी का नाम आदर के साथ लिया जाता है।