दुनिया में रिश्तों की बहुत अहमियत होती हैं। रिश्तो में बहुत अहम रिश्ता होता है पति पत्नि का। अगर पति पत्नि में आपसी संतुलन है, आत्मीय भावनाएं है, एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव है, तो परिवार में निश्चित सुख का साम्राज्य है। उपरोक्त विचार तेरापंथ सभा भवन में हैप्पी कपल, खुशी डबल कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए मुनि श्री अर्हत् कुमारजी ने कहें।
विविध उदाहरणों से समझाते हुए मुनि श्री ने कहा कि आज रिशतो में कड़वाहट है, दिखावट है, इसलिए रिश्ते मिनटों में बन रहे हैं और मिनटों में टूट रहे हैं। पति-पत्नि के बीच यदि एडजेस्टमेंट का सेतु है, तो उनका जीवन हमेशा प्रसन्नता से ओतप्रोत रहेगा। वाणी में हमेशा माधुर्य घोले, क्योकि वाणी की मिठास रिश्तो को टूटने नही देती। एक दूसरे को समझने का प्रयास करे। भाइयो को अपना घर एयरकंडीसन बनाने से पहले दिमाग को एयरकंडीसन बनाना चाहिए, जिससे रिश्तो में दरार न आये। पत्नि अगर अंगार बन जाये, तो पति गंगा की धार बन जाए। पत्नि को हमेशा अपने ससुराल को ही अपना घर मानना चाहिए। सबसे घुलमिल कर सेट होकर रहने का प्रयास करें। हमेशा संस्कारित और मर्यादित जीवन जीएं। चेहरे पर मुस्कान रखे, क्योकि यह रिश्तो को और मधुर बनाती है। सकारात्मक रहे। सुख दु:ख में हमेशा एकता का माहौल बनाये, जिससे आपका रिश्ता दुनिया के सामने आदर्श के रुप में प्रस्तुत हो सके।
मुनि श्री भरतकुमारजी ने कहा हैप्पी कपल, खुशी डब्बल यह कब होगा सफल – मन में शांती, आनंद रहता है पल पल , दल बल का अहं ईर्ष्या न हो आज और कल, सद्गुणों को अपनाकर आपकी भावना होगी सफल, जीवन में कर्म विसर्जन का भाव हो प्रसन्न, देव गुरु का लो संबल।
मुनिश्री जयदीपकुमारजी ने रिश्तो को मधुर एवं मजबूत बनाने के टॉनिक बताएं। कार्यक्रम में बहुत से जोड़ो ने भाग लिया। सुव्यवस्थित कार्यक्रम में जैन ही नहीं अजैन परिवारों ने भी भाग लिया। तेरापंथ सभा ने मुनिवृंद के प्रति कृतज्ञता के साथ सभी धर्मपरिषद् का आभार व्यक्त किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई
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श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई