Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

सभी जीवो के प्रति मैत्री भाव रखना चाहिए: जयधुरंधर मुनि

सभी जीवो के प्रति मैत्री भाव रखना चाहिए: जयधुरंधर मुनि
जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में वेपेरी स्थित जय वाटिका मरलेचा गार्डन में जयधुरंधर मुनि के सानिध्य में जारी नवपद ओली आराधना के अंतर्गत जयकलश मुनि ने श्रीपाल चरित्र का वाचन करते हुए कहा व्यक्ति को सभी जीवों के प्रति मैत्री भाव रखना चाहिए।
जहां मैत्री है, वहां प्रेम, सहयोग ,सेवा, स्नेह का वास रहता है । जबकि जहां शत्रुता है, वहां वैर, वैमनस्य, ईष्या, द्वेष , कलह आदि दुर्गुण प्रवेश कर जाते हैं। मैत्री है तो जीवन स्वर्ण सम है, अन्यथा शत्रुता से जीवन नरक तुल्य बन जाता है।
मुनि ने कहा कि किसी को मित्र या शत्रु बनाना जीव स्वयं पर निर्भर होता है। कोई भी व्यक्ति जन्म से ना तो मित्र होता है और ना ही शत्रु होता है। शत्रु और मित्र तो अपने व्यवहार के कारण होते हैं। यदि शत्रु के साथ भी मित्रवत् व्यवहार किया जाए तो शत्रु भी मित्र बन जाता है।
भगवान महावीर ने मैत्री भाव के प्रभाव से ही चंडकौशिक जैसे शत्रु को भी मित्र बना दिया था। अन्यथा यदि मित्र के साथ भी नकारात्मक सोच के साथ दुर्व्यवहार किया जाए तो वह भी शत्रु बन जाते हैं।
जितने ज्यादा शत्रु बनते हैं उतनी ही जीव के लिए मुश्किलें बढ़ती है। जबकि सारे जगत को मित्रवत् बनाने से सभी का सहयोग प्राप्त होता रहता है । मित्र हो या शत्रु किसी को भी कभी गलत सलाह नहीं देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिसका जैसा स्वभाव होता है , लोग उसके साथ वैसा ही व्यवहार करते हैं  । दूसरों के स्वभाव को तो बदलना इतना आसान नहीं है, लेकिन खुद के स्वभाव को तो बदला जा सकता है ।
मैत्री भाव वाला दूसरों के सुख में स्वयं भी हर्षित होता है  , जबकि ईष्या भाव रखने वाला दूसरों के सुख को देखकर स्वयं दुखी बन जाता है । दूसरों के दुखी में सुखी होना क्रूरता का लक्षण है, जबकि दूसरों के दुख में दुखी होना करुणा है । व्यक्ति को ईष्या, क्रूरता ना रखते हुए मैत्री, करुणा का भाव रखना चाहिए।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar