चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने कहा पर्यूषण आध्यात्मिक पर्व है। इसकी आराधना से आनंद का अनुभव होता है। इस महान शब्द से अमृत का झरना झरता है। इसे पीने से जीव के पाप नष्ट होते हैं और मन निर्मल व वाणी पवित्र होती है।
जब कानों में इस मीठे शब्द की गंूज होती है तो आत्मा में एक अजीब सा आनंद का अनुभव होता है। लौकिक पर्व से तन-मन छिन धन का अपव्यय होता है जबकि आध्यात्मिक पव
वी ही नहीं स्वयं तीर्थंकर भी इसकी साधना करते हैं। ऐसे में पर्यूषण महापर्व की जो भी श्रद्धा से साधना-आराधना करता है उसके जीवन में आनंद की बहार आ जाती है।
संजय दुगड़ ने बताया कि मंगलवार से पर्यूषण महापर्व तप-त्याग एवं नवकार महामंत्र के जाप के साथ मनाया जाएगा। इस दौरान सवेरे 6.15 बजे प्रार्थना के बाद सूत्र वाचन, 8.40 बजे प्रवचन, दोपहर में कल्प सूत्र एवं सायं प्रतिक्रमण होगा।