Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

सबके साथ प्रेम की दृष्टि रखो

सबके साथ प्रेम की दृष्टि रखो

आज हमको उत्तम धर्म मानव भाव उत्तम गुरु और सर्वज्ञ प्रभु का शासन मिल गया है इस भाव में जाकर हमने क्या किया है, जीवन को कैसे दिया है..? जीवन कैसे बनाना है सुगंधित सुभाषित बनाना है बहुत भाव से गंदगी जमा की है भीतर के घर में कचरे का कोई पार नहीं हैl अगर कचरे को साफ नहीं किया तो भविष्य अंधकार में यहां से जाने का समय होगा तब कर्म सत्ता हमें पूछेगीl तुझे इस अच्छे भव में भेजा सतगुरु के पास बैठाया तू वहां बैठकर क्या करके आया मानव बनकर आया या समय ज्ञान प्राप्त करके आयाl

साधुता को धारण कर सिद्ध गति का परमिशन लेकर आया बताओ आपके पास क्या जवाब है? दिन बनकर यानी कहना पड़े कि मैं सिर्फ टाइम पास करके आया जाना पक्का हैl मुद्दत मिली है तो जवाब देने की तैयारी रखना पड़ेगा ना जिंदगी को साफ सुथरा करके सुगंध से भर दl आप कहेंगे हम तो सवेरे स्नान करके स्प्रे सेंट अत्तर सब कुछ लगा कियाl हमारे सब भाइयों कहना तो बहुत सरल है पर जीवन को सुगंधित बनाने के लिए महापुरुषों ने तीन बातें हमारे सामने रखी हैl

प्रेम पवित्रता परोपकार कौन से सूत्र को अपना नहीं जाने की बात किसी को अपनी यादों में रखना हो तो सबके साथ प्रेम की दृष्टि रखोl भगवान ने जगत के सभी जीवो को प्रेम दिया चंद कौशिक ने डंक दिया तो उसे भी दूध दियाl दुश्मनों ने भगवान को जहर दिया तो भगवान ने उन्हें अमृत दियाl तुम्हारे जीवन में सुगंधी भरना है तो सबके साथ प्रेम करोl जिसके हाथ में कोई विकार नहीं इसके मन में कोई वासना नहीं जिसके हृदय में कोई आ सकती नहीं उसका ही जीवन पवित्र हैl परोपकार आज हम कैसा परोपकार कर रहे हैं स्वार्थ के घेरे ने सभी जीवित के हैं स्वार्थ के खातिर तो जिंदगी गवा देते हैं पर जीवन में परोपकार परमार्थ का कार्य कितना कियाl जिंदगी का कितना भाग कमाई से और कितना भाग परोपकार में जा रहा है बताओl भाग्यशालियों अंत समय आए तो पश्चाताप न करना पड़े प्रकृति से संदेश लेना है हम वृक्ष देखते हैं लोग पत्थर मारते हैं फिर भी वह मीठे फल मधुर फल देता है छाया देता है सुगंध से भरे फूलों को निकलते हैं वह भी सुगंध देता हैl

हमने क्या दिया चिंतन करना है आज की धर्म सभा में राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष पुष्पा जी गोखरू इन्होंने भी अपना वक्तव्य रखा आज युवा पीढ़ी धर्म से विमुख क्यों बड़ा चिंतनीय प्रश्न सामने खड़ा है । साध्वीं धैर्यी श्री जी एक सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। रसीला जी मर्लेचा, संतोषजी आता, इंदिरा जी गादिया सपना सिंघवी आदि सभी कार्यक्रम मे उपस्थित थे श्रीमान अशोक जी बाटियां इन्होंने संचालन कियाl

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar