कृष्णगिरि. जिले के पूंगावणम में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा कि जब व्यक्ति अपने जीवन में गलत भावनाओं और कृत्यों को उत्पन्न करता है तो जीवन का गलत निर्माण होने लगता है। लेकिन व्यक्ति अच्छा कर्म कर अपनी परेशानियों को भी खत्म कर सकता है।
वर्तमान में व्यक्ति चाहे तो अपने बुरे कर्मो का नाश कर उसे अच्छे कर्मो में भी बदल सकता है। जीवन में जब सब कुछ सही से चलता रहता है तो अच्छा लगता है। लेकिन थोड़ा भी गलत होने पर परेशानी होने लगती है और यह सिर्फ कर्मों पर ही निर्भर करता है।
उन्होंने कहा जो व्यक्ति सत्य की राह पर चलता है उसे कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। उसके व्यवहार में भी कोई बदलाव नहीं आता जैसा वह भीतर से होता है वैसे ही बाहर से भी होता है।
आज के समय में लोग दिखावा का जीवन जीना अधिक पसंद करते हैं लेकिन मनुष्य को ऐसा नहीं करना चाहिए।
अगर जीवन को सफल बनाना है तो दिखावा से दूर होकर सत्य की राह पर चलना जरूरी है क्योंकि सत्य ही प्रकाश लाएगा असत्य तो सिर्फ अंधेरे का प्रतीक होता है।
जीवन में सफल होने के लिए व्यक्ति को अपने लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। जिस व्यक्ति का लक्ष्य नहीं निर्धारित होता उसका मन स्थिर नहीं होता।