चेन्नई. श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन के तत्वावधान में मुनि रमेश कुमार के सानिध्य में नमस्कार महामंत्र साधना और कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नमस्कार महामंत्र के अनेकों रहस्यों को बताया गया। पंच परमेष्ठी के पांच पद, पांच चैतन्य केंद्र और पांच रंगों के साथ जप और ध्यान के प्रयोग कराए गए।
इसके साथ ही अरिहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और मुनि का महत्व, उनका स्वरूप और साधना के विविध प्रयोग कराए गए। नमस्कार महामंत्र जप और ध्यान की पद्धतियों को बताते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा कि नमस्कार महामंत्र पर जप और ध्यान के अनेक प्रयोग उपलब्ध हैं। नमस्कार महामन्त्र सर्वसिद्धि दायक है।
संकल्पशक्ति इच्छा शक्ति और मन की शक्ति को विकसित करने के लिए मंत्र की साधना जरूरी है। सतत साधना से प्राण शक्ति का जागरण होता है। मंत्र के जप से ऊर्जा बढ़ती है। उसका उपयोग अन्तर्मुखी होने पर कषाय की अल्पता होती है।
आन्तरिक व्यक्तित्व बदलने लगता है। नमस्कार महामंत्र में चमत्कार और आत्म शोधन दोनों शक्ति निहित है। तेरापंथ ट्रस्ट ट्रिप्लीकेन के अध्यक्ष गौतमचन्द सेठिया, माणकचन्द बोहरा, सूरज बोहरा, ज्ञानशाला प्रशिक्षिका कुसुम चोरडिय़ा, बेबी धारीवाल ने नमस्कार महामन्त्र कार्यशाला के अपने अनुभव साझा किए।