नागदा (निप्र)– महावीर भवन में धर्मसभा में साप्ताहिक सात दिनांं तक सात वारो के विश्लेषण के बाद महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण वार आठवा होता है परिवार जो कि सभी वारों से बड़ा होता है। परिवार के साथ मिलकर जुड़कर रहकर सम्पूर्ण रूप से पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए संग से रहना ही परिवार है। जिस परिवार में आपसी सामंजस्य है वह परिवार ही सम्पूर्ण नगर रिश्तेदारों में पूजा जाता है। चाहे वह परिवार बड़ा हो या छोटा हो ।
केवल आपस में मान सम्मान होना चाहिये लेकिन वर्तमान समय में परिवारों में एक दुसरो के प्रति समर्पण की भावना खत्म होती जा रही है। घर परिवार में कैसे रहना है यह भगवान राम से सीखना चाहिये क्योंकि राम ने घर परिवार, रिश्तेदार, समाज, नगर एवं सम्पूर्ण जीव जगत में अपनी मर्यादा में रहकर मर्यादा पुरूषोत्तम राम कहा जाता है। इस शब्द का उच्चारण आज तक सम्पूर्ण विश्व में किसी के भी आगे नहीं लिखा गया है एवं भगवान कृष्ण से सीखना चाहिये कि उन्नति के विकास के द्वार कैसे खुले और इस संसार में मुक्ती का मार्ग चाहिये तो महावीर से मिलना चाहिये।
9 नवम्बर बुधवार को होगा चातुर्मास परिवर्तन-
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि 9 नवम्बर बुधवार को चार माह का वर्षावास चातुर्मास पूर्ण होने पर प्रातः 7 बजे जवाहर मार्ग स्थित महावीर भवन से साध्वी मण्डल ठाणा 6 विहार कर इंगोरीया रोड़ स्थित अटल गार्डन के पूर्व की गली में श्री धर्मेन्द्रजी बम के निवास स्थान पर विराजीत होने की संभावना है।
दिनांक 07/11/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला