Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

सत्संग से ज्ञान, विज्ञान, प्रत्याख्यान और साधना की होती प्राप्ति: साध्वी शिवमालाजी

सत्संग से ज्ञान, विज्ञान, प्रत्याख्यान और साधना की होती प्राप्ति: साध्वी शिवमालाजी

★ शासनश्री साध्वी शिवमालाजी ने संकल्प बल से तप के क्षेत्र में गतिशील बनने की दी प्रेरणा

★ अभिनव सेठिया के तपस्या का तपोभिनन्दन आयोजित

Sagevaani.com ट्रिप्लीकेन; युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या शासनश्री साध्वी शिवमालाजी ठाणा 4 के सान्निध्य में जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट- ट्रिप्लीकेन के तत्वावधान में समायोजित चातुर्मास्य में रविवारीय प्रवचन में धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए साध्वीश्रीजी ने कहा – आगमवाणी में कहा गया है कि साधक की वाणी मधुर, रसभरी, सात्विक होनी चाहिए। बताया गया है कि जहां कलह नहीं होता है, बड़ों का सम्मान होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है। साधक के लिए आवश्यक है कि वह सदैव वाणी का संयम रखे। तीन तरह के व्यक्ति होते है- परदर्शी, स्वदर्शी और सर्वदर्शी। परदर्शी जो दूसरों को ही देखता है, वह विराधक होता है। स्वदर्शी जो स्वयं को देखता है, वह साधक कहलाता है। सर्वदर्शी अर्थात जो सबको देखने वाला, वे केवली होते है। स्वदर्शी से सर्वदर्शी बनने के लिए सत्संग जरूरी है। व्यक्ति सत्संग से ज्ञान, ज्ञान से विज्ञान, विज्ञान से प्रत्याख्यान, प्रत्याख्यान से साधना, साधना से केवली (सर्वदर्शी) बन जाता है।

    ◆ तपोभिन्दन ◆

अभिनव सेठिया के तेरह की तपस्या का प्रत्याख्यान करवाने के साथ आध्यात्मिक मंगलकामना करते हुए साध्वीश्रीजी ने प्रेरणा देते हुए कहा कि संकल्पबल के मजबूत होने पर मुश्किल कार्य भी सरलता से किया सकता है, तप:चर्या में आगे बढ़ा जा सकता है। प्रेरक प्रसंग के माध्यम से प्रेरणा दी कि एक 70 वर्षीय वृद्ध, छोटे बच्चों की तपस्या को देख कर भावना से तेले की तपस्या की और संकल्प शक्ति से वे 70 की तपस्या तक पहुंच गए। अपनी धुम्रपान की आदत को भी छोड़ कर, उनका जीवन आनन्द से भर गया। आज अभिनव सेठिया भी तेरह की तपस्या का थोकड़ा लेकर आया है। हम उसके तप का अभिनन्दन करते हैं।

साध्वी अमितरेखा, साध्वी अर्हम् प्रभा, साध्वी रत्नप्रभा, श्री वसंतराज मरलेचा, ट्रस्ट मंत्री विजयकुमार गेलड़ा ने व्यक्तव्य, गीतिका, मुक्तक के माध्यम से तपोभिन्दन किया। परिजनों से श्री गौतमचन्द सेठिया, श्रीमती सुजाता, सुनिता एवं लिना सेठिया ने अपने विचार व्यक्त किए। ट्रस्ट बोर्ड की ओर से तपस्वी का अभिनन्दन किया गया।

अणुव्रत अमृत महोत्सव के निमित्त “संयम संकल्प पत्र” अणुव्रत समिति के मंत्री स्वरूप चन्द दाँती, सहमंत्री विजयकुमार गेलड़ा, पुर्वाध्यक्ष सम्पतराज चोरड़िया, गौतमचन्द सेठिया, मंजू गेलड़ा इत्यादि कार्यकर्ताओं ने श्रावक समाज से भरवायें।

समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar