चातुर्मास समापन समारोह मंगलवार को
चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा जो धर्म आराधना करते हैं वो ही परमात्मा कि सच्ची उपासना करते है। बिना धर्म आराधना के परमात्मा की पाप्ति संभव नहीं । सच्चे मन से की हूइ साधना से ही अनन्त सूख की अभिलाषा पूरी होती है, साध्वी सूविधी ने कहा कि परमात्मा ने जीवन मे सुख दुःख से निकल कर मोक्ष के मार्ग पर पहुचने का मार्ग बतलाया है।
पुरुसार्थ कर मोक्ष के मार्ग का गठन कर लेना चाहिए। स्वाध्याय करने से मनुष्य की आत्मा के ऊपर के कर्मो के आवरण दूर होते हैं। प्रत्येक आत्मा में केवल ज्ञान और केवल दर्शन है लेकिन कर्मो के आवरण से वह ढक गया है।
स्वाध्याय कर आत्मा से आवरण की परत को साफ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ज्यादा जरूरी ना हो तो पढ़ाई के कार्य को नही रोकना चाहिए। ज्ञान के कार्य को अंतराय देने से ज्ञान रूपी आत्मा पर आवरण की परत आती है और कर्मो का बंध होता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ज्ञान देने वालो के नाम को छुपाने या उसे नीचा दिखाने की कोशिश करता है तो कर्मो का बंध होता है।
अगर किसी छोटे बच्चे से भी ज्ञान की बात सीखने को मिले तो उसका नाम नही छुपाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बादलों द्वारा कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी ढक जाती है तो इसका मतलब ये नही की रोशनी खत्म हो जाती है। उसी प्रकार से अज्ञानता की परत आत्मा के ज्ञान को खत्म नही कर सकती हैं। बल्कि कुछ समय के लिए ढक देती है। अगर मनुष्य स्वाध्याय करे तो उस परत को तोड़ सकता है।
स्वाध्याय का मतलब स्व के अंदर जाना और स्व की चिंतन करना होता है। स्व की चिंतन करने से जीवन सफल हो सकता है। जीनवाणी की किताबो का वाचन कर स्व का स्वाध्याय किया जा सकता है। वाचना मतलब किताबो को पढ़ना और उसे आचरण में उतारना। इससे आत्मा को ज्ञान का बोध होने से अनंत कर्मो की निर्जरा होती है।
सभा मे आने पर अगर कुछ सवाल हो तो उसे गुरुवो से पूछो। जब तक सवाल नही पूछोगे तब तक जवाब नही मिलेगा और वह जीवन में नही उतर पायेगा। समाधान उनको मिलता है जो सवाल करना जानते हैं। वाचन और सवाल पूछने के बाद उसे जीवन मे उतारना चाहिए। परिवर्तन तभी आएगा जब ज्ञान की बातों को बार बार दोहराया जाए।
अगर आत्मा को ज्ञान का बोध हो गया तो आत्मा से अज्ञान की परत खत्म हो जाएगी। जीवन में बदलाव के लिए स्वाध्याय करने से पीछे नही हटना चाहिए। चातुर्मास समापन एवम लोकाशाह जयन्ती समारोह 12 तारीख को रहेगा, धर्म सभा मे उपाध्यक्ष जेपी ललवानी जवरी लाल कटारिया, दिलीप गादीया समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।