चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा गुरु की आज्ञा में रहते हुए उनका खयाल रखने वालों को कभी निरासा नही मिलती है। विनयवान शिष्य वही होता है जो गुरु के अदेसानुशार हर कार्य करता चला जाता है।
गुरु अपने शिष्यों के जीवन को हमेसा सुधारने का कार्य करते है। बिना गुरु के आशीर्वाद के किसी का जीवन बदल नहीं सकता हैं। उन्होंने कहा कि सच्चे शिष्य को गुरु के तकलीफ के बारे में कहने की जरूरत नहीं पड़ती हैं, बल्की अपने आप ही हर तकलीफ समझ कर उसके निवारण का कार्य करते है। गुरु की तकलीफ को बिना कहे समझने वालों पर गुरु का सदैव आशीर्वाद बना रहता है।
जिनपर गुरु का आशीर्वाद होता है उनको कहीं भटकना नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य झुकना जानते है उनका जीवन सुखी होता है। झुकने वालो को परमात्मा कभी निराश नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में मनुष्य की अकड़ की वजह से उसके पूरे रिस्ते खत्म हो रहे हैं। लोग झुकने के बजाय रिश्ता तोड़ना आसान समझते है। लेकिन याद रहे की झुकना जानने वालों को सभी पसंद करते हैं।
रिश्ते नाते बना के चलना है तो झुकना सीखना होगा। अन्यथा जीवन मे आगे जाना संभव नहीं हो सकता है। आज का संचालन मंत्री देवीचंद बरलोटा ने किए