श्रुताचार्य साहित्य सम्राट पूज्य प्रवर्तक गुरुदेव श्री अमर मुनि जी म. सा. ने आज से लगभग 30 – 40 वर्ष पहले चिंतन किया कि आने वाली युवा पीढ़ी (न्यू जनरेशन) का रूझान आंगल भाषा (इंग्लिश) की ओर अधिक रहेगा । यह उस महान् युगपुरुष गुरुदेव की एक दूरदृष्टि थी, उनका एक विजन था और केवल विजन ही नहीं, उन्होंने अपने उस लक्षय को साकार भी किया। पूरे विश्व में प्रथम बार उत्तर भारतीय प्रवर्तक राष्ट्र संत अनंत उपकारी दादा गुरुदेव महामहिम प. पू. भण्डारी श्री पदम चन्द्र जी म. सा. के पावन नाम से पदम प्रकाशन का गठन हुआ, जिसके अंतर्गत सचित्र प्राकृत, हिंदी एवं इंग्लिश भाषा में जैन आगम साहित्य का प्रकाशन किया जा रहा है।
उपरोक्त जानकारी देते हुए मधुर वक्ता श्री रूपेश मुनि जी म. सा. ने बताया कि पूज्य दादा गुरुदेव वाणी भूषण श्री अमर मुनि जी म. सा. के जीवन काल में 23 आगमों का प्रकाशन कार्य संपन्न हुआ। पूज्य दादा गुरुदेव के इस स्वप्न को दक्षिण सूर्य ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि जी म. सा. ‘अमर शिष्य’ कठोर पुरुषार्थ के साथ साकार करने मेंं जुटे हुए हैंं । अभी तक 26 आगम शास्त्रों का लेखन- संपादन- प्रकाशन संपन्न हो चुका है।
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी 1 अक्तूबर को सचित्र भगवती सूत्र भाग – 7 एवं श्रीमद् अंतकृद्ददशांग सूत्र का लोकार्पण आगम मर्मज्ञ प पू. श्री कांति मुनि जी म., श्रमण संघीय उप प्रवर्तक प. पू. श्री पंकज मुनि जी म. सा. के पावन सान्निध्य में गुरु गणेश- मिश्री पावन स्मृति धाम के प्रांगण में भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि सचित्र श्री भगवती सूत्र भाग – 7 का लोकार्पण परम गुरु भक्त उदारमना श्रीमान् पंकज जी जैन दिल्ली एवं श्रीमद् अंतकृद्ददशांग सूत्र का लोकार्पण दानवीर परम गुरु भक्त श्रीमान् सा. हुकम राज जी श्रीमति मनफूल जी मेहता के कर कमलों द्वारा संपन्न होगा।
गुरु गणेश गौशाला के मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीमान् सा. किशन लाल जी खाबिया ने सकल समाज से अपील करते हुए आहवान् किया कि इस अवसर पर अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु भाई बहनें पधारें एवं इस ऐतिहासिक जैन आगम विमोचन समारोह के साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त करें।