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सकारात्मक सोच से इम्पेक्ट रहता स्वस्थ : साध्वी लावण्यश्री

सकारात्मक सोच से इम्पेक्ट रहता स्वस्थ : साध्वी लावण्यश्री

राष्ट्रीय अध्यक्षा ने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का किया आह्वान

तेरापंथ महिला मण्डल की आयोजना में आयोजित हुई कार्यशाला

चेन्नई: अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में तेरापंथ महिला मंडल चेन्नई द्वारा साध्वी श्री लावण्यश्रीजी ठाणा 3 के सान्निध्य में, राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती नीलमजी सेठिया की गरिमामय उपस्थिति में इम्पेक्ट 360 डिग्री ‘अस्तित्व की पहचान, एक नई उड़ान’ विषयक कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को प्रातः 9:00 बजे से तेरापंथ सभा भवन साहूकारपेट में आयोजित किया गया।

सदैव खुश रहे, प्रसन्न रहे समुपस्थित जनमेदनी को सम्बोधित करते हुए साध्वी लावण्यश्रीजी ने कहा कि घड़ी की सूई अविराम चलती रहती है और वह प्रेरणा देती है कि समय बितता जा रहा है, उसका सदुपयोग करें। वह कहती है कि भूतकाल इतिहास बन जाता है, भविष्य पर विश्वास जम जाता है। वर्तमान पुरुषार्थ का प्रतिक होता है।

पुरुषार्थवान व्यक्ति एक सिढ़ी से ऊपरी सिढ़ी तक पहुंच सकता है। विशेष प्रेरणा देते हुए साध्वीश्री ने कहा कि क्षितिज पर पहुंचने के लिए जरूरी है लक्ष्य का सही निर्धारण होना चाहिए। पढ़ लिख कर आगे बढ़ कर स्वयं पर प्रभाव डालने के लिए पोजिटिव सोच का होना जरूरी है। सकारात्मक विचार होने पर शरीर भी स्वस्थ रहता है। दूसरों पर प्रभाव डालने से पूर्व स्वयं का स्वयं पर प्रभाव होना जरूरी है। उसके लिए जरूरी है सदैव खुश रहे, प्रसन्न रहे।

अनेकों भाई बहनों ने सिल्क, लैदर को उपयोग में नहीं लेने के लिए किये प्रत्याख्यान जीव हिंसा, पर्यावरण संरक्षण के लिए धर्मपरिषद् को आह्वान करते हुए साध्वीश्री ने कहा कि सिल्क, लैदर के सामानों का उपयोग नहीं करना चाहिए। साध्वीश्री से प्रेरणा प्राप्त कर अनेकों भाई बहनों ने सिल्क, लैदर के समानों का उपयोग में नहीं लेने के लिए प्रत्याख्यान किये।

अपने फील्ड ऑफ वर्क के मूल्य को समझे अभातेममं राष्ट्रीय अध्यक्षा नीलम सेठिया ने इम्पेक्ट विषय और लोगो की विवेचना करते हुए कहा कि इम्पेक्ट का अर्थ होता है प्रभाव, परिणाम। स्वयं पर अपना प्रभाव मजबूत होने पर परिणाम सुखद आते हैं। हमारा लक्ष्य, गोल, परपज सही होने पर हमारी लाइफ स्ट्रोंग बनेंगी। हमारी बोलचाल, हमारी सोच, हमारे आचार विचार, हमारे कार्य करने की शैली सही होने पर परिवार, बच्चों, समाज, देश की सामाजिक, आर्थिक, भौतिक प्रगति, विकास में सहयोगी बन सकते हैं। महिलाओं को अपने फील्ड ऑफ वर्क के मूल्य को समझना चाहिए। “हर मुश्किल का हल होगा, आज नहीं तो कल होगा” कविता से प्रेरणा भरी।

इससे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्षा के तेरापंथ भवन पधारने पर महिला मण्डल द्वारा तिलक लगा स्वागत किया गया। साध्वीवृन्द के नमस्कार महामंत्र स्मरण से कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। महिला मण्डल द्वारा प्रेरणा गीत से मंगलाचरण हुआ। तेरापंथ महिला मण्डल अध्यक्षा पुष्पा हिरण ने स्वागत स्वर प्रस्तुत किया। अभातेममं राष्ट्रीय सदस्या मंजुला डुंगरवाल ने साध्वी प्रमुखाश्री विश्रुतविभा के संदेश का वाचन किया।

श्रीमती माला कातरेला ने अस्तित्व की पहचान- एक नई पहचान एवं शालिनी लूंकड़ ने सक्षम महिला- सक्षम समाज विषयक पर अपने विचार व्यक्त किए। महिला मण्डल बहनों द्वारा ‘ऊँची भरे उड़ान, अपनी आन बान से ..’ गीतिका द्वारा स्वागत स्वर लहरी प्रस्तुत की। प्रथम सत्र का कुशल संचालन मंत्री रीमा सिंघवी ने किया। कार्यशाला संयोजिका संगीता खटेड़ ने नीलम सेठिया का परिचय दिया।

कार्यशाला के प्रायोजक विजयराजजी कटारिया परिवार का सम्मान किया गया। कंचन भण्डारी ने आभार ज्ञापन दिया। सहसंयोजिका सुमन बरमेचा के साथ महिला मण्डल की बहनों ने इस कार्यशाला को सुन्दर स्वरूप प्रदान किया। प्रथम सत्र में महिला मण्डल बहनों के साथ संघीय संस्थाओं के पदाधिकारियों, श्रावक समाज की विशेष उपस्थित रही।

समाचार सम्प्रेषक : स्वरूप चन्द दाँती

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