संस्कार आचरण से आते है! गुरु सानिध्य मे संय्यम का मार्ग मिलता है ! मुझ जैसे पौधे को गुरुभगवंतो ने संभाला! – युवाचार्य पु. महेंन्द्र ऋषिजी म.सा. आज एएमकेएम जैन मेमोरियल सेंटर चेन्नई में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन महासंघ तमिलनाडु के तत्वावधान में श्रमण संघीय युवाचार्य महेंद्र ऋषिजी महाराज का 58वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर खरतरगच्छीय गणिवर्य मनीषप्रभ सागरजी, उपप्रवर्तिनी कंचनकंवर जी, महासती डॉ. प्रतिभाश्रीजी, महासती राजमतिजी का सान्निध्य भी मिला। इस दौरान मुनिश्री हितेंद्र ऋषिजी ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि युवाचार्यश्री भले ही युवाचार्य बन गए हैं लेकिन वे जीवन में सरलता, सहजता लिए हुए है। जब मैं वैराग्य में आया तब युवाचार्य भगवंत ने कहा मुझे गुरुदेव नहीं पुकारना है, गुरुदेव तो आचार्य आनंद ऋषिजी ही होंगे। उन्होंने कहा महापुरुषों की विशेषता है कि वे कोई कार्य पीछे नहीं छोड़ते हैं। आज के दिन यह संकल्प लें कि साधु के बारे में कोई नकारात्मक सोच नहीं रखेंगे।
इस मौके पर महिला महासंघ की सदस्याओं और आनंद जैन विद्यालय तांबरम की छात्राओं ने भाव भरे गीत प्रस्तुत किए। महासंघ के संयोजक महावीरचंद रांका ने सबका स्वागत करते हुए युवाचार्यश्री की दीर्घायु की कामना की। महासंघ के चेयरमैन भीकमचंद लुंकड़, स्वागताध्यक्ष सज्जनराज तालेड़ा ने भी अपने भाव प्रकट किए। महासती अणिमाश्रीजी ने कहा कि युवा से युवाचार्य बनना सहज नहीं है। हम उन्हें तहे दिल से बहुत-बहुत बधाई देते हैं। उन्होंने जन्मोत्सव गीतिका की प्रस्तुति भी दी। स्थानकवासी जैन कांफ्रेंस दिल्ली के अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी ने श्रमण संघ की एकता व अखंडता का संकल्प लिया! मधुकर ग्रुप की ओर से महासती विनयश्रीजी ने शुभकामना देते हुए कहा कि आज का यह पावन प्रसंग खुशियों की सौगात लेकर आया है। महासती दिव्ययशाश्रीजी ने कहा कि युवाचार्यश्री के जीवन जीने का ढंग निराला है। हमें उनके ह्रदय से जुड़ना है। यही उनके प्रति सच्ची भेंट होगी। गणिवर्य मनीषप्रभ सागरजी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सबसे ज्यादा महत्व गुरु को दिया गया है। हमारे जीवन की शुरुआत गुरु से ही होती है, जो दूसरों के कल्याण की भावना रखकर जीते हैं। जन्मदिन मात्र भाषण देकर नहीं मनाना है। गुरु के प्रति अहोभाव होना चाहिए और तर्क वितर्क का स्थान नहीं होना चाहिए। जिस संघ में समर्पण की भावना आ जाए, वह संघ आगे बढ़ जाता है।
महासती डॉ. प्रतिभाश्रीजी ने कहा कि भक्त के हृदय में गुरु का विशेष स्थान रहता है। उससे ज्यादा भाग्यशाली कोई नहीं है। जिनका जीवन जयवंत होता है, उनकी जन्म जयंती मनाई जाती है। महापुरुषों के गुणों का वर्णन करना सूर्य को दीपक दिखाना है। युवाचार्यश्री का जीवन आध्यात्मिकता से ओतप्रोत हो। हम उनके गुणों को आत्मसात करें। इस सुनहरे अवसर पर हम शुभ कामना करते हैं कि वे चिरायु, दीर्घायु हो। पुनः उनका आगमन यहां हो। उन्होंने महासंघ के अध्यक्ष सुरेश जी लुणावत को चातुर्मास की असीम सफलता व “दक्षिण भारतीय अनमोल रत्न “पद से अलंकृत होने पर बधाई दी।
युवाचार्यश्री ने इस मौके पर कहा कि जब हम संघ के प्रत्येक सदस्य को गले लगाते हैं तब ही संघ की चहुंमुखी प्रगति कर सकते हैं। संत चाहे छोटे हो या कोई पदाधिकारी हो, भाव से उनकी वैयावच्च करनी चाहिए। हमारे महापुरुषों ने बहुत त्याग कर श्रमण संघ को सींचा है। श्रमण संघ अकेला संघ है जो एक संत हो, बुजुर्ग संत हो या कोई भी सिंघाड़ा के संत हो, उनकी सेवा करता है। महासंघ के मंत्री धर्मीचंद सिंघवी ने कहा कि आज हमारा सौभाग्य है कि युवाचार्यश्री का 58वां जन्मदिवस मनाने का सुअवसर मिला है। उन्होंने बताया कि इस चातुर्मास की यात्रा दो वर्ष पूर्व शुरू हुई, जो आज शिखर पर पहुंची है। हम युवाचार्यश्री के मंगलमय जीवन की शुभ कामना करते हैं। उन्होंने चातुर्मास के दौरान पूर्व में हुए व आगे आयोजित होने वाले कार्यक्रमों का ब्यौरा दिया।
उन्होंने कहा यह चातुर्मास सभी चातुर्मासों से आध्यात्मिक रूप से अलग है। उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर स्थानकवासी जैन कांफ्रेंस के कई पूर्वाध्यक्ष और पदाधिकारी उपस्थित रहे। , ईंदौर, सुरत, उदयपुर महाराष्ट्र के पुना पनवेल, भिगवण, अहमदनगर, संगमनेर, पनवेल ठाणा नई मुंबई, पिंपरी चिंचवड़ आदि क्षेत्रसे विविध श्री संघोके पदाधिकारी उपस्थित थे ! आकुर्डी श्री संघसे संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी, पुर्वाध्यक्ष संतोषजी कर्नावट, जवाहरजी मुथा, नेनसुखजी मांडोत, विजयजी गांधी, राजेंन्न्द्र छाजेड, धनराज जी छाजेड, राजेंन्द्र कटारिया, पोपटलालजी कर्नावट, मोतीलालजी चोरडीया, सुर्यकांतजी मुथीयान , सचिन गांधी, प्रकाश मुनोत, विजय नहार, डॉ. सुभाष मुनोत, मदनलालजी कांकरीया, शारदा जी चोरडीया मोतीलालजी बोरा एवं महिला मंडल आदि मान्यवर शुभकामना देनेह्तु उपस्थित थे! इस दौरान मुनिश्री धवल ऋषिजी, वैरागी शिवम बाफना, काफ्रेंस के चेयरमैन रमनलाल लुंकड़, नेमीचंदजी चोपडा, पारस जी मोदी, आंनद जी छल्लानी, पोपटजी ओस्तवाल एसएस जैन संघ साहुकारपेट के प्रकाश खिवसरा, संजय पींचा, इंदौर के रमेश भंडारी ने भी अपने भाव प्रकट किए। अनामिका कुलदीप तलेसरा ने श्रमण संघीय आचार्य शिवमुनि का बधाई संदेश पढ़कर सुनाया। युवाचार्य भगवंत आदि ठाणा के 2025 का आगमी चातुर्मास पनवेल (मुंबई) घोषित हुआ। इस मौके पर तमिलनाडु अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य प्रवीण टाटिया सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।
सुरेश लुणावत जी ने सभी को धन्यवाद प्रेषित किया।