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संस्कारों के दीपों से अपने जीवन को ज्योतिर्मय बनाएं – साध्वी अणिमाश्री

संस्कारों के दीपों से अपने जीवन को ज्योतिर्मय बनाएं – साध्वी अणिमाश्री

ज्ञानशाला दिवस का आयोजन

साध्वी अणिमाश्री के सान्निष्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में ज्ञानशाला प्रकोष्ठ चेन्नई द्वारा तेरापंथ भवन में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। जिसमें सैकड़ों बच्चों एवं प्रशिक्षिकाओं की सहभागिता रही।
 

साध्वीश्री ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा ज्ञानशाला वो महफिल है, जहां बच्चों के अन्तर्मन में संस्कारो के दीप प्रज्वलित होते है। उन संस्कार रूपी दीपों की रोशनी से, ज्योती से बच्चों का पूरा जीवन ज्योतिर्मय बन सकता है। ज्ञानशाला बच्चों के लिए वो दिशासूचक यंत्र है, जो बालकों के स्वर्णिम भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है। बालक ज्ञानशाला में सिर्फ ज्ञानार्जन ही नहीं करते, बल्कि संस्कारार्जन भी करते हैं। बच्चों को स्कूल में अच्छी तालीम मिल सकती, वो उनके अच्छे जॉब में योगभूत बन सकती है। स्कूली शिक्षा आजीविका अर्जन में निपुण बनाती है, जबकि ‘ज्ञानशाला’ सुन्दर भविष्य का निर्माण करती है। संस्कारों की शिक्षा देकर जीवन को सुन्दरतम बनाती है।
 

साध्वीश्री ने कहा – बालक परिवार का स्वर्ग, समाज की शोभा एवं देश का उज्ज्वल भविष्य है। हर बालक में ध्रुव, प्रहलाद, महावीर, बुद्ध बनने की प्रतिभा छिपी है। जो अभिभावक अपने बच्चों में छिपी प्रतिभा को पहचान लेता है, उनके बच्चे परिवार के लिए कुलदीपक बन जाते हैं। ध्यान रहे अगर बच्चों के मोह में धृतराष्ट्र की तरह अंधे बने रहे, तो कहीं आपके घर में दुर्योधन व दुशासन पैदा न हो जाए। इसलिए अभी से जागरूक बने एवं अपने बच्चों को ज्ञानशाला में भेजे। साध्वीश्री ने कहा- तेरापंथ सभा के संरक्षण में सुरेश बोहरा एवं उनकी सक्षम टीम के नेतृत्व में चेन्नई में ज्ञानाशाला की प्रशिक्षिकाएँ 24 ज्ञानशालाओं का अच्छा संचालन कर रही है। लेकिन मैं चाहती हूँ कि ज्ञानशाला परिवार चेन्नई के परिवारों का प्रतिलेखन कर ज्ञानशाला को और अधिक संपुष्ट, सुदृढ़ एवं सशक्त बनाएं।

तेरापंथ सभा मंत्री गजेन्द्र खांटेड, आंचलिक संयोजक कमलेशजी ने विचार व्यक्त किए। प्रशिक्षिका बहनों ने मंगल संगान किया। दिल्ली से समागत सुरेश सोनी, दिल्ली महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती मंजु सोनी ने भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का कुशल संचालन ज्ञानशाला संयोजक श्री सुरेश बोहरा ने किया। माघावरम ज्ञानशाला ने बारह व्रत, साहुकारपेट ने वन्दना का महत्व, पल्लावरम ने सामायिक से लाभ, वेपरी, नई धोबी पेट, व्यासरपाडी आदि ज्ञानशालाओ ने अपनी-अपनी प्रस्तुति दी।
           

स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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