ज्ञानशाला दिवस का आयोजन
आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या साध्वी उज्जवलप्रभा के सान्निध्य में ज्ञानशाला दिवस मनाया गया। साध्वीश्री ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि परम पूज्य गुरुदेव द्वारा निर्देशित इन 4 नियमों का जीवन में होना जरूरी है – 1. Be polite, 2. Be Honest, 3. Be Merciful & 4). Be Cooperative.
इन नियमों के पालन से ही हम नंबर वन बन पाएंगे और यह गणाधिपति पूज्य गुरुदेव तुलसी की इस वरदाई ज्ञानशाला के उपक्रम से ही संभव है। साध्वी अनुप्रेक्षाश्री ने कहा कि जीवन रूपी फूल को महकाने एवं संस्कारों द्वारा सर्वांगीण विकास ज्ञानशाला के द्वारा ही संभव है। स्कूली शिक्षा तो केवल भौतिक विकास कराती है, जबकि आध्यात्मिक शिक्षा के द्वारा ही विनम्रता एवं सहिष्णुता के गुण बच्चों में अवतरित होते हैं। मंगलाचरण से श्रीमती स्नेहा भंडारी ने, कन्या मंडल से सुश्री भव्या सेठिया, प्रशिक्षिकाओं से श्रीमती अंजली सुराणा एवं वंदना आंचलिया तथा ज्ञानशाला प्रभारी श्री प्रेमचंद सुराणा ने अपने विचार व्यक्त किए|
पूर्व एवं वर्तमान के ज्ञानार्थियों ने मनमोहक गीत द्वारा अपने शिक्षिकाओं का आभार ज्ञापन किया। साध्वीश्री की प्रेरणा से ज्ञानशाला के काफी बच्चे ने साप्ताहिक व मासिक त्याग – पढ़ाई के अलावा 1 घंटे से अधिक एवं रात को 10 बजे के उपरांत मोबाइल का उपयोग न करने का त्याग किया। आभार ज्ञापन सभा मंत्री राजेश सुराणा ने एवं कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती मंजुला सुराणा द्वारा किया गया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई