चेन्नई. तेरापंथ भवन ट्रस्ट तंडियारपेट के तत्वावधान में आयोजित बारह व्रत कार्यशाला में मुनि ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा नियम कोई बंधन नहीं अपितु मन की असीम इच्छाओं और पदार्थो के असीम समंदर से पार होने का मौका है।
जो व्यक्ति जीवन में संयम नियम व्रत को धारण कर लेता है उसका पाप मल समाप्त हो जाता है और वह अनेक दोषों से बचने से जल्द ही संसार चक्र से मुक्त भी हो जाता है।
भगवान महावीर ने श्रावक श्राविकाओं के लिए अगार धर्म की स्थापना की। बारह व्रतों की स्थापना करके गृहस्थ के लिए आसान मार्ग की व्यवस्था की। मुनि ने बारह व्रत का संकल्प दिलाया।
इस अवसर पर मुनिवृंद विनित कुमार, विमलेश कुमार भी उपस्थित थे। आगामी २९ सितम्बर से ७ अक्टूबर तक यहां भक्तामर महा अनुष्ठान होगा।