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संसार समुंदर से पार लगाने वाले होते गुरु: मुनि सुधाकरकुमार

संसार समुंदर से पार लगाने वाले होते गुरु: मुनि सुधाकरकुमार

आचार्य महाश्रमण युगप्रधान पदाभिषेक अभिवन्दना समारोह

नार्थ टाउन, चेन्नई: मुनि श्री सुधाकरजी के सान्निध्य में नार्थ टाउन, जैन संघ भवन में ‘आचार्य महाश्रमण युगप्रधान पदाभिषेक अभिवन्दना समारोह’ एवं ‘युवा दिवस – महाश्रमणोस्तु मंगलम्’ कार्यक्रम समायोजित किया गया।

  महाश्रमण अष्टकम से प्रारम्भ अभिवन्दना, अभ्यर्थना समारोह में धर्म परिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनि सुधाकरकुमार ने कहा कि जीवन के सर्वोच्च शिखर पर आरोहण करने, महान बनने के लिए गुरू बहुत जरूरी है। भक्तनी वैराग्वती एवं विष्णु की पौराणिक कथा के माध्यम से बताया कि गुरू के माध्यम से गोविंद के दर्शन हो सकते हैं। गुरु हमारे जीवन के सर्वस्व हैं, त्राण हैं, प्राण हैं। जो निर्मल, पवित्र, विद्वता, सहजता सरलता के धनी होते हैं, वे सुगुरु हमें सद्गति की ओर जा सकते है, मोक्षधाम पहुंचा सकते हैं। विशेष प्रेरणा पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि गुरु की भक्ति में न तर्क होना चाहिए, न कुतर्क, वहां तो मात्र श्रद्धा, समर्पण होना चाहिये।

  अपने सुगुरु आचार्य महाश्रमण को युगप्रधान पदाभिषेक अंलकरण की अभिवन्दना करते हुए मुनिश्री ने कहा कि कई व्यक्ति अंलकरण से अलंकृत होते हैं, तो कभी-कभी विशिष्ट महापुरुषों से अंलकरण स्वयं अंलकृत हो जाता है। आज आचार्य महाश्रमण को प्राप्त युगप्रधान अंलकरण स्वयं सम्मानित हो रहा है, इस शब्द की महिमा, गरिमा बढ़ गई हैं। मुनिश्री ने युगप्रधान का विश्लेषण करते हुए कहा कि जो युग को नई दिशा देता हैं, सम्यग राह दिखाता है, कीर्तिधर कार्यों का सम्पादन करते हैं, धर्मसंघ को अतिविशिष्ट अवदान देते हैं, ऐसे गुरुतर दायित्व सम्पन्न आचार्य को चतुर्विध धर्मसंघ द्वारा युगप्रधान पदाभिषेक किया जाता हैं। हम गौरवान्वित है कि साधुता, निर्मलता, पवित्रता से युक्त एवं दस आचार्यों की सम्पदा से सुसम्पन्न आचार्य महाश्रमण हमारे आध्यात्मिक धर्म गुरू हमें प्राप्त है।

  मुनि श्री ने धर्मपरिषद् की ओर से अभिवन्दना करते हुए कहा कि हमारी भावना है, कामना है, अन्तर्मन की प्रार्थना है कि युगों युगों तक आप हमारा पथदर्शन करते रहे, दिशा दर्शन देते रहे। आपके दो पदो में रह कर हम आत्मसाधना करते रहे।

   मुनि नरेशकुमार ने आराध्य की आराधना ‘प्रभु महाश्रमण के मुख पर मोहक मुस्कान’ गीत के माध्यम से की। उपासक श्रेणी, महिला मण्डल, कन्या मण्डल, नार्थ टाउन श्रावक समाज एवं हेमन्त डुंगरवाल ने मधुर संगीत और तेरापंथ सभा अध्यक्ष प्यारेलाल पितलिया, अणुव्रत समिति अध्यक्ष ललित आंचलिया, तेयुप अध्यक्ष मुकेश नवलखा, मुकेश रांका ने व्यक्तव्य, कविता के माध्यम से गुरू आचार्य महाश्रमण की भावांजलि से अभ्यर्थना की।

  नार्थ टाउन तेरापंथ परिवार के अध्यक्ष सम्पतराज सेठिया ने स्वागत स्वर एवं राजकरण वैद ने आभार व्यक्त किया। समारोह का कुशल संचालन मंत्री पुखराज पारख ने किया।

            स्वरुप चन्द दाँती

          प्रचार प्रसार प्रभारी

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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