अरसीकेरे (कर्नाटक): अरसिकेरे स्थानक भवन में विराजित महासती श्री आगमश्री जी म.सा ने फरमाया कि संसार के प्रति आज शक नहीं होना चाहिए संसार के प्रति आसक्त होने से धर्म की ओर अग्रसर नहीं हो पाते, धर्मों में अगर प्रवेश करना हो तो संसार के आकर्षण से दूर रहना होगा तभी हम परमात्मा तक पहुंच पाएंगे, वरना हम संसार में ही उलझे रहेंगे।
नवदीक्षित साध्वी धैर्यश्रीजी ने फरमाया प्रभु का समवशरण अद्भुत था, वहां पर हर कोई आता है प्रभु की वाणी से आकर्षण होकर सही मार्ग की ओर बढ़ जाते हैं, ऐसे अद्भुत वाणी समवशरण की अद्भुत शक्ति से सभी प्राणी अपने आप आकर्षित हो जाते। ऐसी जिनवाणी सुनकर कई प्राणी अपने जीवन को धन्य बना लिया।
धर्म सभा मे वीरमाता साध्वी धैर्यश्रीजी के सांसारिक माताजी सुनीता जी रांका – जालना,मामा मामी,भुवा – पुफा, मासा – मासी ,बहन सहित सांसारिक परिवार वाले पधारे। उनका संघ द्वारा स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। महाराष्ट्र देवलगांव, जालना, बुलदाना, पुणे, जलगांव, चेन्नई आदि क्षेत्र से दर्शनार्थी पधारे। जैन युवा कांफ्रेंस के राज्य उपाध्यक्ष चेतन भलगट ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन संघ के पूर्व अध्यक्ष महावीर जी बोहरा ने किया।