Share This Post

Featured News / Featured Slider / Khabar

संयम को प्राप्त करना बहुत बड़ी पुण्याई से प्राप्त होता है

संयम को प्राप्त करना बहुत बड़ी पुण्याई से प्राप्त होता है

दुर्ग जय आनंद मधुकर रतन भवन में आज धर्म सभा में नव दिक्षित साध्वी श्री चंद्रयशा जी की गुणानुवाद सभा संत श्री शुक्ल मुनि श्री गौरव मुनि के सानिध्य में रखी गई थी। साध्वी चंद्रयशा के व्यक्तित्व के बारे में अपने उद्बोधन में कहां की वे बचपन से ही माता पिता से धर्म के संस्कार मिले थे। लोग लोगस सूत्र प्रति अटूट आस्था रखने वाली श्रीमती चंदू देवी संचेती प्रतिदिन नियम से सामायिक, प्रतिक्रमण, लोगोंस सूत्र की माला निमित्त रुप से उनके जीवन का हिस्सा थी।
संत श्री ने कहा जीवन के अंतिम समय में संयम को प्राप्त करना बहुत बड़ी पुण्याई से प्राप्त होता है और यह पुण्याई चंदू देवी संचेती ने प्राप्त की।


जैनोलाजी की परीक्षा में गौरव मुनि प्रथम

श्रमण संघीय संत श्री गौरव मुनि जी म.सा ने श्री आदिनाथ जैन ट्रस्ट चेन्नई की धार्मिक परीक्षा डिप्लोमा इन जैनोलॉजी में सभी विषय पर विशेष योग्यता के उपलब्धि हासिल की। उन्होंने 600 में से 550 अंक अर्जित कर प्रथम स्थान प्राप्त किये हैं। श्रमण संघ परिवार ने गौरव मुनि को शुभकामना अर्पित करते हुए उनकी अनुमोदना की है।

चातुर्मास काल में भोजन शाला में सेवा देने वाले चंद्रशेखर पारख नीलम बाफना का भी धर्म सभा में अभिनंदन किया गया।


गौरव मुनि एवं संत समुदाय का तालपूरी की ओर विहार

आज दोपहर 2:00 बजे संत गौरव मुनि ने बड़ी भावुकता के साथ विदाई भक्ति गीत सुनना कर लोगों की उपस्थिति जनों की आंखों को नम कर दिया और खुद भी बहुत भावुक हो गए। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को शांतिनाथ भगवान की स्तुति करमंगल पाठ का श्रवण करा कर वे अपने साधु समुदाय के साथ तीलपुरी की ओर की ओर विहार किए। अभी लगभग 3 माह छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में विचरण जारी रखेंगे।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar