चेन्नई. ध्यान योग प्रणेता आचार्य सम्राट डॉ. शिव मुनि की 81वीं जन्म जयंति पर श्रमण संघीय उप प्रवर्तक पंकज मुनि की निश्रा में जैन भवन, साहुकारपेट के प्रांगण में ओजस्वी प्रवचनकार डॉ. वरुण मुनि की सद्पे्ररणा से 18 सितंबर को प्रात: सवा नौ से सवा दस बजे तक लोगस्स जप साधना अनुष्ठान की विशेष आराधना की जाएगी। उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री संघ के उपाध्यक्ष गौतमचंद मूथा एवं पृथ्वीराज बागरेचा ने बताया कि इस जप अनुष्ठान में किसी भी आयु सीमा के भाई- बहनें, बच्चे एवं बुजुर्ग लाभ ले सकते हैं। इस अवसर पर 5 से 15 वर्ष तक के बच्चे जो पूर्ण वेशभूषा के साथ सामायिक की आराधना करेंगे उनके लिए विनोद कुमार- ऊषा रानी (सिरसा) की ओर से विशेष आकर्षक प्रभावना भी प्रदान की जाएगी।
रूपेश मुनि ने बताया कि- आचार्य सम्राट डॉ. शिव मुनि जी ने वर्तमान युग में ध्यान साधना को पुनर्जीवित किया है। अनेक वर्षों तक साधना करने के पश्चात उन्होंने जो अनुभव प्राप्त किए, ऐसी दुर्लभ आत्म ध्यान साधना की रहस्यमयी विधियों को आचार्य शिव भगवन मानव कल्याण व लोक मंगल की भावना से श्रद्धालु जनों को बांट रहे हैं।
लोकेश मुनि ने बताया- लोगस्स की साधना में 24 तीर्थंकर भगवंतों का पावन स्मरण किया जाता है। जब भी कोई साधक श्रद्धा पूर्वक शुद्ध भावों से वीतराग परमात्मा की आराधना करता है तो उनके शासन अधिष्ठायक देवी-देवता सहज ही अपने आराध्य की उपासना से प्रसन्न होते हैं। मुनि ने बताया लोगस्स की आराधना से समकित शुद्ध होता है व सम्यक्तव दृढ़ होता है। अत: प्रत्येक श्रद्धालु भाई बहन को तीर्थंकर परमात्मा की दिव्य कृपा पाने के लिए अवश्य ही इस दुर्लभ अनुष्ठान में भाग लेना चाहिए। श्री संघ के मंत्री शांतिलाल लूंकड़ एवं सहमंत्री भरत भाई नाहर ने बताया कि अनुष्ठान में भाग लेने वाले सभी भाई बहनों के लिए श्री संघ की ओर से विशेष प्रभावना भी आयोजित की जाएगी।