चेन्नई. प्रयागराज के पावन कुंभ मेले में महामंडलेश्वर स्वामी जय किशन गिरी के पावन सान्निध्य में मकर सक्रांति के दिन ऐतिहासिक रूप में श्री केड सती दादी मां का भव्य मंगलपाठ एवं भजन कीर्तन संपन्न हुआ। प्रयागराज कुंभ में यह पहला ऐसा सुंदर एवं भव्य आयोजन हुआ है जो सामाजिक एकता को भी दर्शाता है।
स्वामी जय किशन गिरी ने बताया कि कुंभ मेले में श्री केड सती दादी मां के मंगलपाठ का उद्देश्य भारत एवं विश्व में फैले हुए केडिया परिवारों को एकत्र करना है। जिससे वे अपने आने वाली पीढ़ी को धर्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित कर सके। संगम तट से श्री केड सती दादी मां की विशाल शोभायात्रा निकाली गई।
जिसमें केडिया परिवार के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों से आए सैकड़ों भक्तों ने बढ़ चढक़र हिस्सा लिया। दादी मां के जयकारों की गूंज से कुंभ का सारा वातावरण पवित्र एवं अलौकिक हो उठा। दादी मां की मंगल ज्योत प्रज्वलित कर आयोजन की शुरुआत हुई। मंगल पाठ एवं भजन गायक ऋषि कुमार शर्मा एवं उज्जवल खोलिया ने मंगल पाठ शुरू कर सुमधुर भजनों से भक्तों को आनंदित कर दिया।
केडिया परिवार की चारों दादी माँ खेमी, तोली ठुकरी, संतोखी एवं कुलदेवी लाम्बी माता का रोली-मोली, नथ, चूड़ा-चुनरी एवं सोलह श्रृंगारों से भव्य एवं अनुपम श्रृंगार किया गया। मंगलपाठ की मधुर ध्वनि एवं भजनों की अमृत धारा से कुंभ मेले का पवित्र वातावरण और भी दिव्यमान हो उठा। सभी भक्त आनंदित हो झूमने लगे। भक्तों को दादी मां की पवित्र मेहंदी, सिंदूर एवं हल्दी लगाई गई।
दादी मां को छप्पन भोग लगाकर महाआरती की गई। महामंडलेश्वर स्वामी जय किशन गिरी महाराज ने कुंभ मेले में आए हुए केडिया समाज के साथ-साथ अन्य भक्तों का भी आभार व्यक्त किया एवं सबको अपना आशीर्वाद दिया।