चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा के सानिध्य में बुधवार को भगवान महावीर की अंतिम देशना उत्राध्यान सूत्र का अध्यन हुआ। सुमित्रा ने कहा कि उत्राध्यन सूत्र के श्रवण मात्र से जीवन मे बदलाव आ जाता है।
उसके लिए सच्ची श्रद्धा होने की जरूरत है। मनुष्य जब सूत्र का अध्यन करता है तो वह भगवान के सरण में पहुच जाता है। जब हम परमात्मा के करीब होंगे तो जीवन के दुख दूर होते चले जायेंगे।
उन्होंने कहा कि अरिहंत भगवान के महान गुणों में अगर एक भी गुण मनुष्य अपना ले तो नर्क के मार्ग स्वर्ग में बदल जाएंगे। उत्राध्यान सूत्र में प्रभु ने विनय का वर्णन किया है। विनयवान मनुष्य को कभी भी भटकना नहीं पड़ता है। विनय की महीमा जीवन को बदलने वाली होती है।
उन्होंने कहा कि जिस भी मनुष्य में विनय होता है उसको कभी भटकना नहीं पड़ता है। जीवन मे आगे जाना है तो विनय भाव के साथ ही एक दूसरे के साथ रहे। विनय होने पर आपसी रिस्तो में मजबूती आती है। उन्होंने कहा कि विनय रखने वालों कि आत्मा शुद्ध हो जाता है।
लोग जिस प्रकार से सांसारिक कमाई के लिए चिंता करते हैं वैसे ही आत्म कमाई के लिए चिंतन करले तो जीवन सफल हो जाएगा। संचालन मंत्री देवीचंद बरलोटा ने किए