बेंगलुरु। श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी बावीस संप्रदाय जैन संघ ट्रस्ट, गणेश बाग श्री संघ के तत्वावधान में एवं शासन गौरव महासाध्वी पूज्या डॉ. श्री रुचिकाश्री जी महाराज, पूज्या श्री पुनितज्योति जी महाराज, पूज्या श्री जिनाज्ञाश्री जी महाराज के पावन सानिध्य में मंगलवार दिनांक 12 अक्टूबर 2021 को श्री गुरु गणेश जैन स्थानक, गणेश बाग में श्रावक के 21 गुण पर प्रवचन आयोजित किया गया।
साध्वी पूज्या श्री रुचिकाश्री जी महाराज ने अपने प्रवचन में श्रावक के 21 गुण में श्रावक के विशेषज्ञ गुण का वर्णन करते हुए फ़रमाया कि विशेषज्ञ प्राणियों का वा ज्रड पदार्थो का गुण दोष जान कर विचार पूर्वक उनका उपयोग करता है, जिससे वो धर्म पा सकता है, और अनर्थ दंडवा पाप से बच सकता है, और पक्षपाती कदाग्र ही के जाल में नहीं फंसता न धर्म भ्रष्ट होता है, न दूसरो को फंसाता है। साध्वी जी ने प्रेरणा दी की श्रावक अपने आत्मा के विशेषज्ञ बने। प्रवचन के प्रारंभ में साध्वी जी द्वारा पुच्छिसुणं वीर स्तुति वीरत्थुई की 27 वी गाथा का वर्णन बताया की क्रियावादी, अक्रियावादी, विनयवादी तथा अज्ञानवादी इन सभी मतवादियों के मतों को जानकार भगवान यावज्जीवन संयम में स्तिथ रहे थे। ‘ पुच्छिसुणं ’ अथवा ‘ वीरत्थुई ’ के नाम से जैन जगत में प्रसिद यह महावीर स्तुति बड़े ही आदर एवं श्रद्धा के साथ साधकों द्वारा गायी जाती है, स्वाध्याय रूप भी गुनगुनाई जाती है। वीर स्तुति में कुल 29 गाथाएं हैं एवं एवं अंतिम २९वी गाथा दिनांक गुरुवार दिनांक 14 अक्टूबर को होगा एवं पुच्छिसुणं जाप का समापन गणेश बाग में होगा।
धर्म सभा के संचालन करते हुए गणेश बाग श्री संघ के सदस्य सुनील सांखला जैन ने बताया कि प्रभु महावीर की अंतिम देशना 15 दिवसीय उत्तराध्ययन श्रुतदेव आराधना गणेश बाग में पूज्य महासाध्वी डॉ. रुचिकाश्रीजी महाराज द्वारा दिनांक 21 अक्टूबर से प्रारंभ होगा। आज के धर्म सभा में विल्सन गार्डन श्री संघ पदाधिकारी एवं सदस्य सहित शहर के अनेक गणमान्य श्रावक उपस्थित थे। धर्म सभा का संचालन एवं स्वागत सुनील सांखला जैन ने किया।